ग्रामीणों के मुताबिक गांव में वर्ष 1993 में तत्कालीन राज्यसभा सांसद व वर्तमान में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की निधि द्वारा इस सड़क का निर्माण हुआ था। पिछले 16 सालों से सड़क उखड़ी पड़ी है। तहसील से 4 किलोमीटर दूर पर बसे इस गांव को जाने वाली 2 किलोमीटर की सड़क पर कई बड़े बड़े गहरे गड्ढे हो चुके हैं। इन गड्डो में बरसात के समय पानी भर जाने से राहगीरो को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। इस सड़क पर स्थित डिग्री कालेज के छात्रों को भी आवागमन में दिक्कतें आती है। 16 सालो से खराब पड़ा यह मार्ग राजनैतिक षडयंत्रों की मार झेल रहा है। ग्रामीणो की माने तो इस रोड पर स्कूली बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक गिरकर घायल हो चुके है। यहां पर महिलाओं के प्रसव के लिए आई एम्बुलेंस तक समय से नही पहुँच पाती है।
इस समस्या को लेकर बीते लोकसभा चुनाव में श्रीराम जनसेवा फाऊंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष दीपक ठाकुर सिंघा ने ग्रामीणों के साथ मतदान बहिष्कार करने का ऐलान किया था। गांव में नेताओ ने पहुँचकर आश्वाशन दिया था कि जीतने के बाद सड़क का निर्माण करा देंगे और जनता के संतुष्टि के लिए जेसीबी मसीन भी सड़क पर चलवा दी। जिससे लोगो को भरोसा हुआ था लेेेकिन चुनाव खत्म होते ही किसी नेता ने दोबारा इस गांव की ओर नही देखा है। सड़क न बनने को लेकर लोगो मे भारी आक्रोश पनप रहा है। वही श्रीराम जनसेवा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष दीपक ठाकुर ने बताया अगर जल्द ही डूडामहुआ गांव की सड़क नही बनी तो ग्रामीण धरना प्रदर्शन व रोड जाम करने पर मजबूर होंगे।