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राष्ट्रपति के क्षेत्र में खड़ी हो गयी बड़ी समस्या, भतीजा दीपक कोविंद राष्ट्रपति भवन जाकर करेंगे ये माँग

locationकानपुरPublished: May 17, 2018 03:25:56 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

सबसे बड़ा सवाल लोगों के जहन में ये है कि रूरा तक बस संचालन में कोई घाटा नहीं, लेकिन झींझक तक घाटा कैसे बताया जा रहा है।

Ramnath Koviond

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

कानपुर देहात. जनपद के परौंख गांव के रहने वाले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पद ग्रहण करने के बाद से उनके गांव, गृह नगर सहित समूचे जनपद में विकास कार्यों के लिए जिला प्रशासन जुटा है, जिससे महामहिम के क्षेत्र में एक नया आयाम स्थापित हो सके। बताया गया कि अभी बीते दिनों कानपुर से वाया रूरा होते हुए महामहिम के गृह नगर झींझक तक रोडवेज बस सेवा शुरू की गई थी, लेकिन कुछ दिन यह सेवा संचालित कर घाटे का सौदा बताकर बैन कर दी गयी, जिसके चलते एक बार फिर से लोगों के लिए आवागमन की समस्या बढ़ गयी है।
सबसे बड़ा सवाल लोगों के जहन में ये है कि रूरा तक बस संचालन में कोई घाटा नहीं, लेकिन झींझक तक घाटा कैसे बताया जा रहा है। ये बात अब क्षेत्रीय लोगों को हजम नहीं हो रही है। एक ओर जिला प्रशासन राष्ट्रपति के गृह नगर झींझक में विकास व सुविधाएं बढ़ाने की कवायद में जुटा है, वहीं दूसरी ओर परिवहन विभाग ने नगर वासियों की मुसीबत बढ़ा दी है। कानपुर-झींझक तक संचालित बस सेवा को घाटे में बताकर बंद कर दिया है। जबकि रूरा तक बस संचालन में फायदा व झींझक बस सेवा में घाटे की बात लोगों के गले नहीं उतर रही है। लोगों ने राष्ट्रपति के भतीजे से मिलकर बस सेवा शुरू कर इस समस्या से निराकरण की मांग की है।
ट्रायल पर बस सेवा संचालन के निर्देश दिए गए थे-

दरअसल लोड फैक्टर के खेल में जिले की परिवहन सेवा चौपट हो रही है। जबकि यह क्षेत्र राष्ट्रपति का गृह नगर है फिर भी अफसर कार्यालयों में बैठकर बस सेवा में घाटा बता बस संचालन बंद कर देते हैं। इससे यात्रियों को फिर से परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। बताते चले कि पिछले दिनों लोगों ने कानपुर से पनकी पड़ाव होकर अकबरपुर वाया रूरा झींझक तक बस सेवा संचालन की मांग की थी। जिस पर उप्र परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक ने कानपुर के क्षेत्रीय प्रबंधक को 15 दिन तक ट्रायल पर बस सेवा संचालन के निर्देश दिए थे। इस पर कानपुर के किदवई नगर डिपो से एक बस कानपुर से झींझक के लिए संचालित की गई थी। इसके बाद कानपुर के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय के अनुसार 28 अप्रैल से सात मई तक दस दिन कानपुर से झींझक तक बस सेवा संचालित भी की गई थी।
परिवहन विभाग का कहना है कि इसमें बस का लोड फैक्टर महज 15 फीसदी ही निकला है। उस दौरान डिपो का लोड फैक्टर 75 फीसदी था। न्यूनतम यात्री उपलब्धता व लाभ न होने का रूट बता बस सेवा बंद की गई। झींझक के अरविंद श्रीवास्तव, पंकज सिंह , दीपक गुप्ता व राजेन्द्र कुशवाहा ने बताया कि केवल दस दिन बस संचालन की बात कही जा रही है, जबकि कई दिन बस रूट पर दिखाई ही नहीं दी। रूरा तक बस संचालन में फायदा है तो झींझक तक बस सेवा में घाटे की बात किसी के समझ में नहीं आ रही है। लोगों ने बताया कि प्रधान प्रबंधक को अवगत कराया जाएगा। क्षेत्रीय प्रबंधक कानपुर नीरज सक्सेना ने बताया कि झींझक तक बस सेवा घाटे के चलते बंद कर दी गई है।
राष्ट्रपति के भतीजे का आया बयान-

वहीं राष्ट्रपति के भतीजे दीपक कोविंद का कहना है कि झींझक नगर के लोग मुख्यालय व कानपुर के आवागमन के लिए सिर्फ टैम्पो, पिकअप जैसे डग्गामार वाहनों पर निर्भर हैं। कुछ दिन बस सेवा शुरू होने से लोग खुशहाल हो गए थे, लेकिन घाटा बताकर इस बंद कर दिया गया। इस समस्या को लेकर लोगों की बात महामहिम जी तक पहुंचाई जाएगी।
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