राजपुरवा की अम्मा जी के मुरीद हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
बिल्हौर के राजपुरवा निवासी कमलावती पिछले 32 साल से खुले में शौच के खिलाफ मुहिम चला रही हैं, जिन्हें नारी शक्ति पुरस्कार से नवाजा गया है।
Published: 14 Mar 2020, 09:15 AM IST
कानपुर। बिल्हौर तहसील के राजापुरवा गांव की रहने कमलावती ( अम्मा जी) के मुरीद खुद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हो गए हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से नारी शक्ति सम्मान पाकर तेजस एक्सप्रेस से कानपुर लौटी बुजुर्ग महिला का लोगों ने भव्य स्वागत किया। अम्मा जी ने दिल्ली प्रवास के कई राज उजाकर किए। बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर बहुत खुशी हुई और उन्होंने हमारे कार्य की सराहना करते हुए इसे जन-जन तक पहुंचाने की बात कही है।
कौन हैं कमलावती
बिल्हौर के राजापुरवा गांव निवासी जयराज सिंह की करीब 42 साल पहले सीतापुर की रहने कलावती से शादी हुई थी। पति मिस्त्री थे। घर की आर्थिक हालात खराब होने पर कमलावती अपने पति के भवन निर्माण में मजदूरी करने लगी और उनके साथ राजमिस्त्री का काम शुरू कर दिया था। इसी बीच वह श्रमिक भारती संस्था से जुड़ गईं। कमलावती ने बताया कि पति की मौत के बाद बेटी को शिक्षित करने और रोटी के लिए दिनरात काम किया। किसान, मजदूर और महिलाओं के लिए गांधीगिरी का सहारा लेकर उन्हें हक दिलवाया।
गनेश से हुई मुलाकात
मजदूरी के वक्त हमारी मुलाकात गनेश पाण्डेय से हुई, जो एक समाजसेवी संस्था चलाते थे। गांव के सैकड़ों किसान से कर्ज लिए थे। उनकी दयनीय हालत देख हमनें गनेश के साथ मिलकर ग्रामीणों के लिए काम करने का बीणा उठाया। हमनें बूंद बचत नाम से समूह बनाकर प्रभावती और ऊषा समेत कई सदस्यों को जोड़ा और दस-दस रुपये का सहयोग लेना शुरू किया। इसके बाद जोड़ी हुई रकम जरूरत मंद को देकर धीरे धीरे सभी को कर्ज मुक्त कराया। यहां से उन्होंने समाज के लिए काम शुरू किया।
इस वजह से मिला पुरूस्कार
कमलावती बताती हैं कि राजापुरवा के अलावा आसपास के गांवों में टाॅयलेट न होने के कारण लोग खुले में शौच करने जाते थे। ऐसे में महिलाओं की असुरक्षा पर उन्होंने चिंता जताई और शौचालय निर्माण के लिए मुहिम छेड़ दी। करीब 32 साल पहले पूर्व मुख्य नगर अधिकारी से मिलीं और तीन लाख की लागत से 55 सीट के सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया था। कमलावती बताती हैं कि हमनें अपनी बेटी की शादी कुंवरपुर गांव में की थी। बेटी के ससुराल में भी टाॅयलेट नहीं था। हमनें वहां भी महिलाओं को अपने साथ जोड़ा और घर-घर में टाॅयलेटों का निर्माण कराया।
इस वजह से सुर्खियों में कमलावती
32 साल के संघर्ष से अपने बूते कानपुर में चार हजार शौचालय बनवाने वालीं कलावती को राष्ट्रपति ने रविवार को नई दिल्ली में नारी शक्ति सम्मान से नवाजा था। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनसे मुलाकात की थी। नारी शक्ति सम्मान से सम्मानित कलावतीघर दिल्ली से तेजस ट्रेन जैसे ही स्टेशन पहुंची, वहां पर श्रमिक भारती के कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया और जयकारे लगाते हुए उन्हें घर तक छोड़कर आए।
नेकदिल इंसान
कमलावती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के किस्से भी सुनाए। कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मिलनसार व्यक्ति हैं। उनके हाथों में देश सुरक्षित है। उन्होंने हमारे काम की सराहना कर जानकारी भी ली। प्रधानमंत्री ने हमनें पूछा कि उम्र की आखरी पड़ाव पर भी आप कैसे जमीन पर कार्य करती हैं। हमने उन्हें बताया कि समाज में हर एक इंसान के चेहरे में मुस्कान की चाहत में वह डटी हैं और आगे भी कारवां ऐसे ही चलता रहेगा।
आराम के बजाए किसानों के साथ
क्मलावती फसल बर्बाद होने पर रो रहे किसानों से मिलीं और उकना हौसला बढ़ाते हुए कहा कि तुम सबने मेहनत की, पर ईश्वर ने रोटी छीन ली। फिर से खड़े होंगे और खेतों में भी दोबारा फसल लहराएगी। हिम्मत नहीं हाराना। सरकार व प्रशासन के सहयोग से मेरे किसानों के दिन फिर से बहुरेंगे। कमलावती की समझाइस किसानों को भा गई और सभी सड़क से हटकर अपने-अपने घरों को लौट गए।
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