प्रसपा को मिली चाभी
चुनाव आयोग की तरफ से प्रसपा को चुनाव चिन्ह के तौर पर चाभी मिली है। जिसके बाद कार्यकर्ता खासे गदगद हैं और सपा व बसपा के गठबंधन के साथ भाजपा को हराने के लिए इसी चाभी का इस्तेमाल करेंगे। कानपुर प्रसपा प्रभारी रघुराज शाक्य ने कहा कि गठबंधन के नेता बसपा प्रमुख को प्रधानमंत्री बनाए जाने की बात कह रहे हैं, पर प्रसपा मुलायम सिंह यादव को इस कुर्सी पर बैठाने के लिए जमीन पर जुटी है। कहा, जिस वक्त गठबंधन का ऐलान हो रहा था उस दौरान किसी ने नेता जी का नाम नहीं लिया। पहले उनके जयकारे लगते थे, पर अखिलेश के युग में मायातवी जिंदाबाद के नारे सपा नेताओं को लगाने पड़ रहे हैं।
नहीं चल पाएगा गठबंधन
रघुराज शाक्य ने बसपा प्रमुख पर हमला बोलते हुए बोले कि उनका कोई भरोसा नहीं। वे कब और किसका साथ देने लगें यह तय नहीं। पैसे लेकर टिकट कौन देता है? यह किसी से छिपा नहीं है। शाक्य ने कहा कि अखिलेश लगातार नेताजी का अपमान कर रहे हैं, जिसे कोई भी स्वाभिमानी कार्यकर्ता बर्दाश्त नहीं करेगा। कहा, नेताजी (मुलायम सिंह यादव) जैसे विशाल हृदय वाले व्यक्ति के साथ गठबंधन नहीं चला तो इनके साथ कैसे चलेगा। यूपी में बसपा पूरीह तरह से खत्म हो गई थी और अपने को जिंदा रखने के लिए उन्होंने अखिलेश को फूलपुर और गोरखपुर में समर्थन देकर एक सियासी चाल चली, जिसमें सपा प्रमुख फंस गए।
खत्म कर दिया समाजवादी आंदोलन
प्रोफेसर रामगोपाल पर प्रसपा नेता ने कहा कि वो भाजपा से मिले हुए हैं और इन्हीं के चलते समाजवादी आंदोलन खत्म हो गया है। मुलायम सिंह यादव पिछले चार दशक से यूपी की सियासत में हैं पर उन्होंने कभी भी संप्रदायिक ताकतों के सामने कभी सरेंडर नहीं किया। जबकि बसपा प्रमुख मायावती भाजपा के समर्थन से यूपी की सीएम बनीं। ये गठबंधन यूपी में धड़ाम हो जाएगा और प्रसपा के करीब 45 दिलों का महागठबंधन भाजपा को हराएगा। कांग्रेस के साथ लोकसभा चुनाव में उतरने के प्रश्न पर शाक्य ने कहा इसका निर्णय दोनों पार्टी के प्रमुख नेताओं को लेना है। कांग्रेस एक बड़ी पार्टी है और देश के कई राज्यों में उनकी सरकार हैं। उनकी अनदेखी नहीं की जा सकती।