राष्ट्रीय हेल्थ मिशन और वल्र्ड डायबिटीज फाउंडेशन के संयोजन में सरकारी डॉक्टरों को प्रशिक्षित करने के लिए प्रदेश के 36 जिलों में कार्यशालाएं चल रही है। इसी कड़ी में उर्सला और डफरिन अस्पताल में टीम पहुंची है। यहां कार्यशाला में दोनों अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों के साथ नगर के सभी सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों को बुलाया गया था। यहां दक्षिण कोरिया के विशेषज्ञ डॉ. ली सैम गू ने बताया कि कि कुछ नए तरह की प्रोटीन से दवा तैयार की गई है, जो प्रैंक्रियाज के बीटा सेल को रिपेयर करने के साथ नस सेल बनाने में अहम भूमिका निभा रही है। प्रयोग में जिन मरीजों पर परीक्षण किया गया है, उनमें अप्रत्याशित बदलाव दिखा है। डॉ. ली सैम ने कहा कि नई प्रोटीन से बनी दवा सिर्फ डायबिटीज ही नहीं बल्कि डायबिटिक फूट, डायबिटिक रेटिनोपैथी, किडनी और दूसरी बीमारियों से भी बचाती है।
कार्यशाला के दौरान डॉ. ली सैम ने कहा कि डायबिटीज रोगियों के लिए प्याज से भी दवा निकालने में कामयाबी मिली है। यह दवाएं सप्लीमेंट के रूप में लोगों के लिए तैयार की गई हैं। इस दवा का प्रयोग शाकाहारी मरीज कर सकते हैं जितनी प्रभावी झींगुर की प्रोटीन है उतना ही प्रभावली प्याज से निकली दवा है।