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Good News For Health: जोड़ दर्द व गठिया मरीजों के लिए रामबाण बनी पीआरपी इंजेक्ट थेरेपी, छड़ी छोड़ मरीजों में आई स्फूर्ति

locationकानपुरPublished: Oct 12, 2021 11:51:41 am

Submitted by:

Arvind Kumar Verma

उन्होंने बताया कि पीआरपी की मदद से अभी तक गठिया या जोड़ों के 200 से अधिक मरीजों के जीवन में खुशियां मिलीं।

Good News For Health: जोड़ दर्द व गठिया मरीजों के लिए रामबाण बनी पीआरपी इंजेक्ट थेरेपी, छड़ी छोड़ मरीजों में आई स्फूर्ति

Good News For Health: जोड़ दर्द व गठिया मरीजों के लिए रामबाण बनी पीआरपी इंजेक्ट थेरेपी, छड़ी छोड़ मरीजों में आई स्फूर्ति

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
कानपुर. अब घुटने में दर्द, गठिया, कोहनी व टखने (Gathiya and Joint Pain) के दर्द से पीड़ित मरीजों (Gathiya Patients) के लिए पीआरपी (PRP Therapy) रामबाण साबित होगा। पीआरपी (Platelets Rich Plasma) इंजेक्शन मरीजों के खून से तैयार किया गया है। ऐसे मरीजों के खून से ही पीआरपी (PRP Injection) तैयार कर उसे 28 दिन के अंतराल पर दो इंजेक्शन लगाए जाते हैं, जिससे मरीजों को राहत मिल जाती है। इसकी शुरुवात 2018 में जीएसवीएम मेडिकल कालेज (GSVM Medical College) के हैलट हास्पिटल (Hailat Hospital) के आर्थोपेडिक विभाग (Orthopedic Department) के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. फहीम अंसारी (Dr. Faheem Ansari) ने की थी। उन्होंने बताया कि पीआरपी की मदद से अभी तक गठिया या जोड़ों के 200 से अधिक मरीजों के जीवन में खुशियां मिलीं।
इस वजह से होती है ये समस्या

डॉ. फहीम ने बताया कि घुटने में साफ्ट टिश्यू अर्थात एक गद्देदार परत होती है, जिसे कार्टिलेज कहते हैं। यही कार्टिलेज घिसने या क्षतिग्रस्त होने से हड्डियां आपस में रगडऩे लगती हैं। इसकी वजह घुटने में दर्द एवं घुटने जाम होने लगते हैं। ऐसे मरीजों को पीआरपी देने पर घुटने की सतह पर फिर से चिकनाई की परत बनने लगती है। इस तरह कार्टिलेज री-जेनरेट होने लगता है। इस थेरेपी से 95 प्रतिशत मरीजों को दर्द से राहत मिल जाती है। घुटने के दर्द से परेशान कानपुर विजय नगर के डा. जाफरी, टखने के दर्द से पीड़ित इफ्तिखाराबाद निवासी मो. आकिफ, कंधा दर्द से ग्रसित लाटूश रोड कानपुर निवासी देवब्रत के लिए पीआरपी थेरेपी वरदान बनी।
स्वयं के खून से तैयार किया इंजेक्शन

डॉ. फहीम के मुताबिक गठिया से परेशान हो चुके मरीजों का खून लेकर उससे पीआरपी तैयार किया गया। फिर उस पीआरपी को इंजेक्शन के जरिए घुटने या जोड़ों के अंदर पहुंचाया गया। ये प्रक्रिया दो बार दी गई। किसी को समस्या ज्यादा होने पर कुछ को तीन बार भी इंजेक्शन देना पड़ा। इससे दर्द से पूरी तरह से राहत मिल गई। जिन मरीजों को घुटना प्रत्यारोपण की सलाह दी गई थी, इस थेरेपी से ऐसे मरीजों को भी आराम मिल गया। उन्होंने बताया कि जिनके घुटने खराब हो चुके हैं, जो व्हील चेयर या छड़ी लेकर चलते हैं, जो कंधा, घुटना, टखना व कोहनी की समस्या से पीड़ित हैं उनके लिए बहुत ही लाभदायक है।

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