खून के हर कतरे का बदला लें
सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले के विरोध में कानपुर में कई दशकों बाद हिंदुओं और मुसलमानों में जबरदस्त एकता देखने को मिली। व्यापार मंडल और अन्य संगठनों की तरफ से बंद के आह्वान का पूरे जिले में व्यापक असर दिखा। हिंदू बहुल इलाकों के साथ ही मुस्लिम बहुल इलाकों में भी बाजार पूरी तरह बंद रहे। इस दौरान विभिन्न समुदायों के लोगों ने एकजुट होकर पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन किया। लोगों का कहना था कि देश के प्रधानमंत्री अक्सर पाकिस्तान को 56 इंच का सीना दिखाते रहते हैं। अब वक्त आ गया है कि वे शहीदों के खून के हर कतरे का बदला लें। पाकिस्तान में बैठे आतंकियों को चुन-चुन कर मारे जाने के लिए सेना को बार्डर पार जाने का आदेश दें।
पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन
पुलवामा में हुए आतंकी हमले के विरोध में मस्जिदों के पेशइमाम ने सड़कों पर उतरकर प्रर्दशन किया। मदरसों व मस्जिदों में अमन व शांति के लिए दुआ हुई। मदरसा अशरफुल मदारिस गदियाना से आल इंडिया गरीब नवाज कौंसिल के बैनर तले मस्जिदों के इमाम ने रैली निकाली और पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन किया। भारतीय सेना जिदाबाद, दोषियों को सजा दो, आतंकवाद मुर्दाबाद, हिन्दुस्तान जिदाबाद, पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए गए । रैली की अगुवाई कर रहे मौलाना हाशिम अशरफी ने कहा कि हम शहीद सैनिकों के परिवार के गम में बराबर के शरीक हैं और इस घटना की िंनदा करते हैं। जिसने भारत मां को घायल किया है उसे हम चारों भाई मिलकर खत्म कर देंगे।
शांति के लिए कुरानख्वानी
परेड स्थित मस्जिद मदाह खां पर पेशइमाम मौलाना मोहम्मद मेराज अशरफी ने घायल सैनिकों के जल्द स्वस्थ होने की दुआ कराई। अल्लाह की बारगाह में दुआ की कि शहीद सैनिकों के परिवार को सब्र दें । इसी तरह शहर के कई मदरसों में शहीद सैनिकों की आत्मा की शांति के लिए कुरानख्वानी की गई। उधर आल इंडिया शिया युवा यूनिट व शिया युवा वेलफेयर सोसाइटी की ओर से जूही डिपों चौराहे पर पाकिस्तान के झंडा व पुतला दहन किया गया। शिया धर्मगुरू मौलाना अलमदार हुसैन ने कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नही है। पाकिस्तान इस्लाम का सबसे बड़ा दुश्मन है। नपाक के चलते पूरे विश्व में मुस्लिम समाज के लोग परेशान है। अब वक्त आ गया है कि भारतीय सेना पाकिस्तान पर हमला कर उस पर कब्जा करे।
बच्चा-बच्चा लड़ने को तैयार
सरदार सुखविंदर सिंह ने कहा कि पाकिस्तान इस भ्रम में न रहे कि भारत में विभिन्न समुदायों के लोग आपस में बंटे हुए हैं। भारत की यही खूबी है कि यहां विभिन्न धर्मों के लोग अपनी-अपनी धार्मिक आस्था के साथ रहते हैं। यह इस देश की बहुरंगी संस्कृति है। जब देश के लिए कुर्बानी की बात आती है तो यहां का बच्चा-बच्चा देश के लिए कुर्बान होने को तैयार रहता है। कानपुर के अलावा पूरे देश में हो रहे प्रदर्शन से यह बात साफ हो गई है कि यहां का हर समुदाय अपने वतन को मोहब्बत करता है। इसके लिए किसी को प्रमाण देने की जरूरत नहीं है। कानपुर की धरती वतन के लिए शहीद होने वालों की धरती है। यहां का हर नागरिक सीआरपीएफ के शहीद जवानों के परिवारों के साथ खड़ा है।
बहन हम हैं आपके साथ
शहीद प्रदीप यादव की बेटी सुप्रिया हौसला और हिम्मत जुटा वार्षिक परीक्षाएं देने अपने स्कूल डॉक्टर वीरेंद्र स्वरूप एजूकेशन सेंटर अवधपुरी पहुंची। पिता की याद में गेट पर फूट-फूटकर रोने लगी। यह देख तुरंत शिक्षकों ने उसे संभाला। प्रधानाचार्य उर्वशी वाजपेयी भी वहां पहुंच गई। सुप्रिया को प्रिंसिपल रूम ले जाया गया। जहां सुप्रिया प्रधानाचार्य से लिपट गई। बोली- मैम, हम अकेले हो गए..अब मेरी पढ़ाई कैसे होगी, मेरा ध्यान कौन रखेगा। इसी बीच स्कूल के अन्य छात्र-छात्राएं आ गए और कहा कि अब तुम्मारे साथ पूरा देश खड़ा है। स्कूल की प्रिंसिबल ने छात्रा को ढांढस बंधा कहा कि बेटे आपके शहीद पिता की शहादत बेकार नहीं जाएगी, मां भारतीय के लाल दुश्मनों से चुन-चुन कर बदला लेंगे।