कानपुर

लाठी लेकर उतरी अम्मा जी, कायरों को देंगे पटखनी

पूरा गांव शराब के नशे में था लती तो अम्मा जी ने उठा ली लाठी, 35 सालों से कन्नौज, कानपुर नगर, देहात साहित कई जिलों में शराब के अवैध करोबारियों को सिखती हैं सबक, पुलवामा आतंकी हमले के बाद लाठी लेकर भरीं हुंकार।

कानपुरFeb 18, 2019 / 12:19 am

Vinod Nigam

लाठी लेकर उतरी अम्मा जी, कायरों को देंगे पटखनी

कानपुर। पुलवामा में आतंकी हमले के बाद पूरा देश गुस्से में हैं। लोग सड़क पर उतरकर पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने के साथ ही 40 शहीदों के श्रृद्धांजलि दे रहे हैं। इसी बीत कन्नौज जिले के ठठिया गांव निवासी अम्मा जी भी ( ललिता देवी) उम्र 60 साल भी लाठी लेकर सड़क पर उतर चुकी हैं और नपाक को सबक सिखाने के लिए कश्मीर जाने का ऐलान कर दिया है। अम्मा जी शनिवार को रूरा पहुंची और शहीद श्यामबाबू के पार्थिक शरीर को देख रो पड़ीं।

कौन हैं अम्मा जी
ठठिया पट्टी गांव निवासी रामाधीन से ललिता देवी की शादी हुई थी। उस वक्त पूरा गांव नशे में डूबा हुआ था। गांव में शराब की भठ्ठियां चलती और शराब उतरती, जिसे बच्चे, युवा और बच्चे पीते। नशे के चलते पूरा गांव कंगाल हो गया। नशा इस कदर हावी हुआ कि युवक अपने घरों के समान तो पति अपनी पत्नियों का मंगलसूत्र गिरवीं रख शराब खरीदते और पीते। एक समय ऐसा आया जब शराब के चलते शराबी लूटपाट करने लगे और उन्होंने पहला शिकार ललिता देवी बनीं। शराबियों ने उनके साथ मारपीट करने के साथ जेवरात छीन लिए। इसी के बाद ललिता देवी का खून खौल उठा और उन्होंने सिर से घूंघट उठा हाथ में लाठी उठा ली और नशे पर कहर बनकर टूटीं।

फिर शुरू हुई जंग
अम्मा जी 60 साल की उम्र पार कर चुकी हैं, लेकिन उनका जज्बा पहले की तरह बरकरार हैं। अम्मा जी बताती हैं कि मेरे साथ घटी वारदात के बाद मैंने खुद बांस का पेड़ काटा और लाठी तैयार की। भोर पहर जग कर घर का कामकाज निपटा लाठी लेकर निकल पड़ती और शराब पीते जो भी मिल जाता उसे जमकर पीटती। अकेले जाकर शराब की अवैध भट्ठियों को तोड़ती। कहती हैं, दकियानूसी सोच और घर की दहलीज पार की तो लोगों ने तमाम तरह की बातें की लेकिन हार नहीं मानीं और गांव की महिलाओं को घर की चाहरदिवारी से बाहर निकाल अपने साथ जोड़ा। इसके बाद हमारी लाठी शराबियों और जुआड़ियों पर हरदिन टूटती।

नशे को जड़ से उखाड़ा
अम्मा ने बताया कि कन्नौज के 30 से ज्यादा गांवा में में चलने वाली भट्ठियां और जुए के फड़ लगने बंद हो गए। अब ग्रामीण शांति से जीवन जी रहे हैं। न तो कोई शराब पीता है और न ही जुआ खेलता है। ललिता देवी बताती हैं कि गांव सुक्खापुरवा और धीरपुर के घरों में कभी शराब बनाने का काम होता था। इसे बंद करा दिया। सत्सार और पट्टी में लोगों ने जुआ से तौबा कर लिया। अब गांव में कोई भी व्यक्ति शराब पीकर नहीं घूमता है और न ही कहीं पर भी जुआ खेलता है। पूछने पर हंसते हुए कहते हैं कि लाठी वाली अम्मा आ जाएंगी। ललिता देवी बताती हैं कि मेरे साथ करीब चार हजार महिलाएं हैं। जो अपने-अपने गांव में शराबियों के अलावा बिक्री करनें वालों पर नजर रखती हैं। यदि कोई व्यक्ति शराब पीते पाया जाता है तो उसका नशा मौके पर उतार दिया जाता है।

चूहों को लाठी से कर दूंगी चित
शहीद श्यामबाबू को श्रृदांजलि देने के बाद अम्मा जी खासी उदास दिखीं। उनकी आखों से सैलाब बह रहा था। पूछनें पर बोलीं, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अब एक्शन लेना होगा। पाकिस्तानी चूहों के खात्में के लिए आदेश दे देने चाहिए। कहा, सेना तो बदला लेकर रहेगी। जंग-ए-मैदान पर मैं अपनी सेना की चार हजार महिलाओं के साथ कश्मीर जाऊंगी और यदि मौका मिला तो कायरों को लाठी से पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दूंगी। अम्मा जी ने बताया कि हमारे पड़ोसी गांव सुखसेनपुर के रहने वाले जवान प्रदीप सिंह यादव भी शहीद हुए हैं। कुछ माह पहले उनसे मिलने का मौका मिला था। बहुत नेकदिल इंसान और बहादुर फौजी थे।

आतंकवाद और जेहाद भी नशा
अम्मा जी ने कहा कि पुलवामा में जिस आतंकी ने सुसाइड अटैक किया है वो भी नशे की लत में था। उसे ये नशा आतंकवादियों की फैक्ट्री से मिला। कहा, अब वक्त आ गया है कि पहले हमें नशे के सौदागरों को खत्म करना हैं। यदि जेहाद का नाम देकर युवाओं को गलत राश्ते पर ले जानें वालों को यदि समय रहते खत्म कर दिया जाए तो जेहाद रूपी इस नशे पर लगाम कसा जा सकता है। अम्मा जी ने कहा कि हम तो सरकार से मांग करते हैं कि जिन मदरसों में ऐसे जेहादी तैयार होते हैं उन्हें बंद कराया जाए। साथ ही फौज को खुली छूट देकर इस नशे का उत्पादन करने वालों पर हमले का आदेश दिया जाए।

 

 

 

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