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मेघ से खुद लड़ रही पब्लिक, नजर नहीं आए जनप्रतिनिधि

locationकानपुरPublished: Aug 05, 2018 04:38:32 pm

Submitted by:

Vinod Nigam

एक सप्ताह से पानी में फंसे हैं सैकड़ों लोग, गुजैनी में इसी के चलते हुआ बवाल

rain has become a massive problem for kanpur people in hindi news up

मेघ से खुद लड़ रही पब्लिक, नजर नहीं आए जनप्रतिनिधि

कानपुर। मेघ जमकर गरजे और कहर बन कर जमीन पर गिरे। जिसके चलते कानपुर की करीब 10 लाख आबादी बाढ़ के जाल में फंस गई तो वहीं बीजेपी से सांसद डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी, योगी सरकार में मंत्री सतीश महाना, मंत्री सत्यदेव पचौरी, मेयर प्रमिला पांडेय, सात विधायक और 56 पार्षद के अलावा जिला प्रशासन और नगर निगम की पोल भी खोल दी। गांव, गली, मोहल्ले और बस्तियां बारिश के पानी से पूरी तरह से तबाह हो गई हैं। सैकड़ों लोग बेघर, तो हजारों पलायन कर गए, बावजूद जनता के चुने जनप्रतिनिधि नहीं जागे और नौकरशाही के जिम्मे पूरे शहर को छोड़ दिया। हालात इतने बिगड़ गए कि लोग सड़क, हाईवे पर आकर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं।
बारिश ने खोल दी पोल
शहर में जलजले का कहर जारी है। सैकड़ों लोग रविवार को भी बाढ़ से घिरें रहे ं और आने-जाने के लिए नाव व रस्सी का सहारा ले रहे हैं। वहीं सत्ताधारी दल के जनप्रतिनिधि अपने-अपने क्षेत्रों में जाने के बजाए घरों के अंदर आराम फरमा रहे हैं। लोगों का कहना है कि कागजी कलाकारी दिखाकर नगर निगम के अधिकारियों ने स्वच्छता के तमाम तमगे बेशक हासिल कर लिए हों, लेकिन वास्तविक कारगुजारियों की पोल पहली बारिश ने खोल दी है। नौबस्ता के हंसपुरम निवासी राजन चौहान कहते हैं कि सपा सरकार के दौरान कानपुर के एडीएम सिटी के पद पर अविनाश सिंह पदस्थ थे। योगी सरकार आने के बाद उन्हें प्रोमोट कर नगर आयुक्त बना दिया। पूरे एक साल तक वो मोहल्लों में टॉयलेटों का निर्माण करवाते रहे। राजन कहते हैं कि उन्होंने कभी भी नालें व नालियों की साफ-सफाई के बारे में सुधि नहीं ली, जिसका खामियाजा कानपुर की जनता भुगत रही है।
पर नहीं आई राहत टीम
नौशीलधाम में नाला ओवरफ्लो होने से मंगलवार से घरों में पानी भरा है। यहां रहने वाली महिलाओं ने डीएम विजय विश्वास पंत को फोन किया। उनके मुताबिक, डीएम ने सारी बात गंभीरता से सुनने के बाद एसडीएम सदर संजय कुमार का नंबर दिया और कहा कि इनसे बात कर समस्या बता दें। उन्होंने एसडीएम को फोन किया तो जवाब मिला कि अभी किसी को भेजते हैं। दोपहर के वक्त गली में एक जेसीबी खड़ी थी, जिसने नाले से कुछ गंदगी निकाली थी। उसके बाद भी घर में पानी का स्तर बढ़ता जा रहा था। मोहल्ले की रहने वाली रश्मी ने बताया कि हमने इस प्रकरण पर नगर आयुक्त और फिर डीएम को दोबारा फोन किया। डीएम ने बताया कि एनआरआइ सिटी के पास काम चल रहा है। अभी नौशीलधाम भी टीम पहुंचेगी। ,लेकिन पांच दिन बीत गए पर कोई टीम नहीं आई।
गुस्से में है पब्लिक
भीषण बारिश के बाद शहर में पैदा हुए हालात से हलकान जनता का गुस्सा अब बढ़ने लगा है। शुक्रवार को सजेंडी के गुजैनी के लोगों ने हाईवे जाम कर दिया। सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंची और लोगों को समझाया। लेकिन लोग उग्र हो गए और पथराव व आगजनी शुरू कर दी। पुलिस को भी बदले में लाठीचार्ज करना पड़ा। दो घंटे के बाद किसी तरह पीएसी के आने के बाद हालात पर काबू पाया जा सका। वहीं बर्रा-8 वरुण विहार कच्ची बस्ती में भीषण जलभराव होने के चलते क्षेत्रीय बाशिंदे हाईवे के किनारे तिरपाल और पन्नी लगाकर गुजर बसर कर रहे हैं। आरोप है कि प्रशासन की ओर से अब तक उन लोगों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। इससे आक्रोशित लोगों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए हंगामा किया।
पांडु नदी का कहर जारी
पांडु नदी में उफान से मेहरबान सिंह का पुरवा समेत आसपास के क्षेत्रों में दूसरे दिन भी जलभराव रहा। बुधवार की अपेक्षा शुक्रवार को जलस्तर और बढ़ गया, जिससे यहां के आरकेपुरम के पक्के मकानों में भी पानी घुस गया। नदी उफनने से बिनगवां में खलील मोहम्मद, जमील, रामबाबू, बउअन समेत कई लोगों के घरों में पानी भर गया और काफी सामान बह गया। इधर, सरस्वती नगर, द्विवेदी नगर, पीपरगवां, घाटूखेड़ा आदि गांव भी जलभराव की चपेट में आ गए। ओरछी गांव में शिवकरण सिंह, नानक सिंह, छिद्दू सिंह के कच्चे मकान गिरने से गृहस्थी बर्बाद हो गई। प्रभावित गांवों के लोगों का पलायन शुरू हो गया। ग्रामीण ने घर का बचा सामान निकालकर हाईवे किनारे रखा। कुछ परिवारों ने प्राथमिक व जूनियर स्कूलों में शरण ले रखी है।

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