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राजा भैया के चलते बदली ग्रीनपार्क की किस्मत, डे-नाइट मैच के लिए मेजबानी के लिए तैयार कानपुर

locationकानपुरPublished: Oct 14, 2017 11:10:51 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

सपा शासन में राजा भैया ने कानपुर में कर दिखाया ऐसा कारनामा जो बसपा-भाजपा भी नहीं करवा सकी.

Raja Bhaiya

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विनोद निगम.
कानपुर। यूपी का इकलौते इंटरनेशनल ग्रीनपार्क स्टेडियम में एक नया अध्याय और जुड़ने जा रहा है। 29 अक्टूबर को यहां भारत बनाम न्यूजीलैंड के बीच पहला डे-नाइट-क्रिकेट मैच खेला जाएगा। लेकिन ग्रीन को रोशनी देने के पीछे कुंडा के राजा व सपा सरकार के पूर्व मंत्री राजा भईया का अहम योगदान है। बतौर खेलमंत्री रहते हुए राजा भईया ने 2002 में ग्रीनपार्क स्टेडियम फ्लड के लिए टावर लगाए जाने के आदेश दिए थे। 5 करोड़ 54 लाख रूपए की लागत से 15 साल पहले टॉवर लग गए, लेकिन 2007 में बसपा सरकार आने के बाद तत्कालीन सीएम ने फ्लड लाइट के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी। पांच साल यहां एक भी इंटरनेशनल मैच नहीं खेले गए। चुनाव के बाद 2012 में अखिलेश सरकार आई और राजा भईया के प्रयास से स्टेडियम दूधिया रोशनी से जगमगाया।
अंग्रजों ने बनवाया, राजा ने दूधिया रोशनी दी
गंगा के किनारे बने वर्ल्ड क्लास इंटरनेशनल ग्रीनपार्क स्टेडियम का निर्माण अंग्रेज अफसर की पत्नी ग्रीन के नाम से 1944 में हुआ था। 1952 में पहले टेस्ट मैच की मेजबानी करने वाला ग्रीनपार्क वैसे तो कई एतिहासिक मैचों का गवाह बना। यहीं पर टीम इंडिया ने अपना 500 वां टेस्ट मैच खेला। लेकिन डेढ़ दशक पहले लगे फ्लड लाइट के टॉवर मुकदर्शक बने थे। इसी के चलते आईपीएल के कमिश्नर व कानपुर के निवासी राजीव शुक्ला की पहल पर बीसीसीआई ने न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू श्रृंखला का एक डे-नाइट-मैच ग्रीनपार्क को दे दिया। 29 अक्टूबर को खेले जाने वाले इस मैच के लिए स्टेडियम पूरी तरह से सज धज के तैयार है। ग्रीनपार्क हॉस्टल से जुड़े परवेज आलम बताते हैं कि बसपा सरकार के दौरान बतौर खेलमंत्री मर्केडेय चंद्र ने ग्रीनपार्क में फ्लड लाइट के लिए शासन से इसे हरी झंडी दिलवाई थी। लेकिन इसी दौरान बसपा की सरकार गिर गई और मुलायम सिंह यूपी के सीएम बन गए। मुलायम सिंह ने राजा भईया को खेलमंत्री बनाया। बतौर खेलमंत्री राजा भईया ने ग्रीनपार्क में फ्लड टावरों के निर्माण के लिए धन पास करा दिया।
डेढ़ दशक पहले खड़े हो गए थे टॉवर
श्राजा भईया ने अपने कार्यकाल के दौरान ग्रीनपार्क को दूधिया रोशनी देकर इसे भी डे-नाइट मैच स्टेडियम के क्लब में शामिल करवा दिया। लेकिन राजनीतिक उपेक्षा के चलते मुलायम सिंह के कार्यकाल के दौरान यहां डे नाइट मैच नहीं खेले गए। 2007 में मायावती के मुख्यमंत्री बनते ही ग्रीनपार्क में क्रिकेट मैच के साथ ही फ्लड लाइट के काम पर ब्रेक लग गया। पांच साल तक यहां एक भी इंटरनेशल क्रिकेट मैच नहीं खेला गया। 2012 में अखिलेश सरकार आने के बाद पांच वन डे मैच खेले गए और फ्लड लाइटों के दुरूस्तीकरण का काम युद्ध स्तर पर चालू कराया गया। यहां इसी साल 26 जनवरी को इंग्लैंउ के खिलाफ पहला टी-20 इंटरनेशनल क्रिकेट मैच खेला गया। इससे पहले 2016 और 2017 गर्मियों में ग्रीनपार्क में दो डे-नाइट आईपीएल मैच खेले गए।
मिला पिच क्वीरेटर, पूर्व मंत्री को आमंत्रण
योगी सरकार आने के बाद ग्रीनपार्क को बीसीसीआई की तरफ एक पिच क्वीरेटर भी मिल गया है। बता दें बसपा से लेकर सपा सरकार के दौरान यहां की पिच एक बिजलीकर्मी तैयार कर रहा था। खेलमंत्री चेतन चौहान को जब इसकी जानकारी हुई तो उसे हटा दिया गया। ग्रीनपार्क के पीआरओ ने बताया कि खेलमंत्री ग्रीनपार्क का निरीक्षण करने के लिए आए थे। काम को देखकर वो संतुष्ट नजर आए। ग्रीनपार्क स्टेडियम में पहला डे-नाइट-मैच खेला जाना है, इसके लिए कई प्रमुख लोग आएंगे। जिनमें पूर्व मंत्री राजा भईया का नाम भी शामिल है। ग्रीनपार्क स्टेडियम में इस बार खिलाड़ियों को नया ड्रेसिंग रूम भी उपलब्ध होगा। जो वल्ड्र में बने अन्य स्टेडियमों से अलग होगा।
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