बाजारों में पिछले वर्ष की भांति नहीं रौनक इस वर्ष रक्षाबंधन 22 अगस्त रविवार को मनाया जाएगा। रक्षाबंधन के त्यौहार के पहले का बाजार गुलजार नही दिख रहा है। कानपुर देहात के झींझक, मंगलपुर, डिलवल सहित कई कस्बों में दर्जन की संख्या में दुकानें सजी हैं। दुकानदार आकर्षक राखियों से ग्राहकों को लुभा रहे हैं, लेकिन बाजारों में पिछले वर्ष की भांति हलचल भी है। सभी दुकानदार मुनाफे की आस से दुकानों में पूंजी लगाकर राखी, मेहंदी व अन्य सामान सजाकर बैठे हैं। जिसको लेकर अब दुकानदारों को पूंजी फंसने का भय सता रहा है। कोरोना काल में अधिकांश लोगों की प्राइवेट नौकरी सहित कई रोजगार छिन जाने से लोग आर्थिक रूप से टूट गए हैं। लोगों की आमदनी में गिरावट आने से कई लोग त्योहारों की बजाय दो वक्त की रोटी पर टकटकी लगाए हैं। दुकानदारों के मुताबिक इसी वजह से बाजार फीके पड़े हैं।
दुकानदार बोले दिख रही कोरोना काल की मार झींझक बाजार दुकानदार कृष्ण गोपाल ने बताया कि रक्षाबंधन त्योहार का एक दिन शेष है। शासन से रविवार बंदी भी खत्म की गई है। कोविड गाइडलाइन के अनुसार बाजारों और दुकानों को खोलने के निर्देश हैं। फिर भी पिछले वर्ष की तरह बाजारों में रौनक पूरी तरह से नहीं दिख रही। वहीं बिक्री को लेकर कुछ दुकानदार खुश हैं तो कुछ दुकानदारो में अभी भी मायूसी छाई है। दुकानदार श्याम कुमार के मुताबिक कोरोना काल का प्रभाव राखी के पर्व पर स्पष्ट नजर आ रहा है। बाजार तो गुलजार हैं, लेकिन ग्राहकों की हलचल मन को नही लुभा रही है।