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कोरोनाकाल में आर्थिक संकट के बाद रक्षाबंधन पर बाजारों में मायूसी, दुकानदार बोले अब सता रहा ये भय

locationकानपुरPublished: Aug 21, 2021 03:17:50 pm

Submitted by:

Arvind Kumar Verma

-रक्षाबंधन पर दुकानें गुलजार लेकिन बाजारों से रौनक हुई गायब-कोरोनाकाल में आई आर्थिक समस्या का दिख रहा प्रभाव

कोरोनाकाल में आर्थिक संकट के बाद रक्षाबंधन पर बाजारों में मायूसी, दुकानदार बोले अब सता रहा ये भय

कोरोनाकाल में आर्थिक संकट के बाद रक्षाबंधन पर बाजारों में मायूसी, दुकानदार बोले अब सता रहा ये भय

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
कानपुर देहात. Raksha Bandhan Festival 2021: रक्षाबंधन वास्तव में देश में मनाए जाने जाने वाले त्योहारों में अनोखा है। बहाने और भाई पूरे वर्ष इस पर्व का इंतजार करते हैं। बाजारों राखी, मिठाई, चूड़ियों और कॉस्मेटिक दुकानों की रौनक देखते ही बनती है। मगर इस वर्ष बाजारों में राखियों में चहल पहल काम दिख रही है। दुकानदारों के मुताबिक कोरोना प्रकोप का असर इस वर्ष रक्षाबंधन (Raksha Bandhan Festival) पर साफ दिखाई दे रहा है। जबकि इस बार स्वदेशी राखियों की बाजार में भरमार है, लेकिन कोविड काल (Covid Effect On Raksha Bandhan) में लोगों पर आर्थिक मार पड़ी है। इसके चलते अधिकांश बहनें सस्ती राखियां खरीद रहीं हैं।
बाजारों में पिछले वर्ष की भांति नहीं रौनक

इस वर्ष रक्षाबंधन 22 अगस्त रविवार को मनाया जाएगा। रक्षाबंधन के त्यौहार के पहले का बाजार गुलजार नही दिख रहा है। कानपुर देहात के झींझक, मंगलपुर, डिलवल सहित कई कस्बों में दर्जन की संख्या में दुकानें सजी हैं। दुकानदार आकर्षक राखियों से ग्राहकों को लुभा रहे हैं, लेकिन बाजारों में पिछले वर्ष की भांति हलचल भी है। सभी दुकानदार मुनाफे की आस से दुकानों में पूंजी लगाकर राखी, मेहंदी व अन्य सामान सजाकर बैठे हैं। जिसको लेकर अब दुकानदारों को पूंजी फंसने का भय सता रहा है। कोरोना काल में अधिकांश लोगों की प्राइवेट नौकरी सहित कई रोजगार छिन जाने से लोग आर्थिक रूप से टूट गए हैं। लोगों की आमदनी में गिरावट आने से कई लोग त्योहारों की बजाय दो वक्त की रोटी पर टकटकी लगाए हैं। दुकानदारों के मुताबिक इसी वजह से बाजार फीके पड़े हैं।
दुकानदार बोले दिख रही कोरोना काल की मार

झींझक बाजार दुकानदार कृष्ण गोपाल ने बताया कि रक्षाबंधन त्योहार का एक दिन शेष है। शासन से रविवार बंदी भी खत्म की गई है। कोविड गाइडलाइन के अनुसार बाजारों और दुकानों को खोलने के निर्देश हैं। फिर भी पिछले वर्ष की तरह बाजारों में रौनक पूरी तरह से नहीं दिख रही। वहीं बिक्री को लेकर कुछ दुकानदार खुश हैं तो कुछ दुकानदारो में अभी भी मायूसी छाई है। दुकानदार श्याम कुमार के मुताबिक कोरोना काल का प्रभाव राखी के पर्व पर स्पष्ट नजर आ रहा है। बाजार तो गुलजार हैं, लेकिन ग्राहकों की हलचल मन को नही लुभा रही है।
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