इसी के चलते अटका रहे रोड़े
राम विलास वेदांती ने कांग्रेस वर तीखे तंज कसते हुए कहा कि कपिल सिब्बल व राजीव धमिन्द जैसे नेताओं की मंशा है कि अयोध्या में श्रीरामजन्म भूमि मुद्दे का फैसला अभी लटका रहे। पूर्व सांसद ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा किये लोग कोर्ट में बेबुनियाद साक्ष्यों को रखकर समय बढ़ा रहे थे। इसके पीछे पाकिस्तान की साजिश है। कांग्रेस के कारण जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पनमा। यदि कांग्रेस की सरकारों ने कश्मीर से धारा 370 हटा ली होती तो वहां आज बंदूक के बजाए पर्यटक आ रहे होते। पर अब ऐसा होने वाला नहीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद पर तो कोर्ट ने राममंदिर जैसे मुद्दों को खत्म करने का प्रण ले लिया है।
नासा भी लगा चुका मुहर
वेदांती ने कहा कि नासा के बैज्ञानिको की पुष्टि के बावजूद साढ़े चार सौ सालों से हिन्दू समाज राम जन्म भूमि विवाद का मुकदमा झेल रहा है । पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी बाजपेयी की सरकार के दौरान श्रीराम जन्मभूमि से जुड़े साक्ष्यों को प्रस्तुत करते हुए खुदाई की गुहार भी लगाई थी। जिसके बाद से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। देश के करोड़ों रामभक्तों को नवंबर में खुशखबरी मिलेगी। क्योंकि हमें पता है कि साक्ष्य के चलते कोर्ट श्रीराम के पक्ष में फैसला सुनाएगा।
मैं भी दे चुका हूं गवाही
वैदांती ने बताया कि मैं खुद भी राम जन्म भूमि के मुददे पर शुरुआती दौर से जुड़ा हुआ हूं। हाईकोर्ट में भी मेरी एक माह की गवाही भी इसी मुद्दे को लेकर हुई थी। खुदाई में मिले साक्ष्यों में कहीं भी इस्लाम धर्म का कोई साक्ष्य नही मिले है। मिले साक्ष्यों में यह प्रमाणित हुआ है कि वहां सिर्फ हिन्दू समुदाय के देवी देवताओं में 12 भगवान मनीश्वर, दुर्गा ,विष्णु गणेश पदम, शंख, चक्र व गदा व त्रिशूल अवशेष चिन्ह मिले है। मंदिर को तोड़ कर बाबर में मस्जिद बनाने की नापाक कोशिश की थी जो की हो नहीं पाई। बिना मीनार के मस्जिद नही बनती है।
कोई सबूत नहीं
वेदांती ने कहा है किं अयोध्या में बाबर या उसके किसी भी वंशज के कोई भी न ही घाट है न कोई सबूत ही मिले है। देश के प्रधानमंन्त्री व विश्व हिंदू परिषद, रामजन्म भूमि न्यास भी यही चाहता है कि आपसी सद्भाव बना रहे और न्यायालय का फैसला जल्द से जल्द आये । देश का हर नागरिक अयोध्या में भव्य रामलला का मंदिर बनते हुए अपनी आंखों देखना चाहते है । भारत देश का हिन्दू व मुसलमान भी शांति चाहता है पर कांग्रेस के लोग आपसी शान्ति नही चाहते है । बाबर का जन्म कलयुग में हुआ और राम लला का जन्म त्रेता में,जो कि इस बात को खुद हि सिद्ध करता है। हम सभी अब राम लला का भव्य मंदिर बस अयोध्या में देखना चाहते हैं।