वहीं काफी जद्दोजहद के बावजूद इस परिवार में भाभी या भतिज बहू में से किसी को भी टिकट न मिलने पर समर्थकों में निराशा जरूर आयी है, लेकिन दीपा कोविंद का चुनावी जुनून और बढ़ गया है| जहाँ एक तरफ सिम्बल मिलने के बाद सरोजनी देवी खुशियों मे मशगूल रही तो वहीं दीपा कोविंद महिलाओं से जनसम्पर्क करती दिखीं| अब इसे भाजपा पार्टी से बगावत कहेंगे या उनका चुनावी जुनून कहा जाये, इस पर दीपा कोविंद ने कहा कि वह पार्टी का सम्मान करती हैं| पार्टी ने जिसे भी टिकट दिया है, सोच समझकर दिया होगा, लेकिन उनकी विगत तीन माह से तैयारी चल रही है।
मतदाताओं की मांग पर वह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में हैं। वह अपने मतदाताओं व समर्थकों को मायूस नहीं करेंगी और विकास के मुद्दे पर दम खम से चुनाव लड़ेगी| वहीं दीपा के पति पंकज कोविंद का कहना है कि भाजपा का हम कभी विरोध नहीं कर सकते हैं| मै सम्मान करता हूँ, लेकिन यहाँ की जनता को मुझसे आशायें हैं, तो मैं जनता को निराश नहीं कर सकता हूँ| जबकि भाभी विधावती ने टिकट न मिलने पर फिलहाल चुप्पी साध ली है|
जिले की सबसे अहम मानी जाने वाली सीट झींझक नगर पालिका में राष्ट्रपति परिवार से दो दावेदारों के चुनाव मैदान में ताल ठोंकने को लेकर यह सीट शुरूवात से ही चर्चा में रही है| वहीं परिवार से दो लोगों द्वारा टिकट मांगे जाने के चलते टिकट वितरण में लेट लतीफी माना जा रहा थी, वहीं आज भाजपा द्वारा झींझक नगर पालिका में सरोजनी देवी पत्नी शिव कुमार कुलश्रेष्ठ को भाजपा सिम्बल से नवाजा गया है| टिकट मिलने की खुशी पर उनके समर्थकों ने मिष्ठान खिलाकर हर्ष जताया और भाजपा जिलाध्यक्ष सहित पार्टी को धन्यबाद अर्पित किया| इधर शुक्रवार को दीपा कोविंद द्वारा नामांकन पर्चा दाखिल करने की बात को लेकर लोगों में ऊहापोह की स्थिति बनी हुयी है| अब देखना यह है कि निर्दलीय उम्मीदवार दीपा कोविंद भाजपा प्रत्याशी सरोजनी देवी व सपा से रमा देवी के लिये कितनी बड़ी चुनौती बनकर सामने आती है|