कमिश्नर ने बताया कि कानपुर और लखनऊ के बीच आवागमन को बेहतर करने के लिए पूर्व में मुख्य सचिव को प्रस्ताव भेजा गया था। बाद में कई बार पत्राचार किया गया। इस प्रस्ताव पर ही शासन की ओर से परियोजना के अध्ययन को मंजूरी मिली है। इसका प्रस्ताव तैयार करने में जो भी खर्च आएगा उसका 50 फीसदी यूपीसीडा, 25-25 फीसदी हिस्सा कानपुर विकास प्राधिकरण व लखनऊ विकास प्राधिकरण वहन करेंगे। बताया गया कि इसके निर्माण में करीब 30 हजार करोड़ से अधिक धनराशि के खर्च का अनुमान है। इससे दोनो शहरों के बीच की दूरी 20 से 30 मिनट में पूरी होगी। बैठक में कमिश्नर डॉ. राजशेखर, केडीए वीसी राकेश सिंह, चीफ इंजीनियर चक्रेश सिंह, नीरज श्रीवास्तव मौजूद रहे।
आपको बता दें कि 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए अखिलेश सरकार ने भी 2015 के अंत में दोनो शहरों के बीच आरआरटीएस शुरू करने का प्रस्ताव तैयार कराया था। मगर यह प्रस्ताव केडीए ऑफिस में ही ठंडा पड़ गया था। इसके बाद नई सरकार बनी और परियोजना को लेकर चर्चा शुरू हुई थी, लेकिन कानपुर में प्रस्तावित मेट्रो रेल परियोजना को देखते हुए इसे स्थगित कर दिया गया था। अब चूंकि कानपुर की मेट्रो रेल परियोजना शुरू हो चुकी है। ऐसे में सरकार ने लखनऊ-कानपुर के बीच एक बार फिर से आरआरटीएस शुरू करने को लेकर गंभीरता से पहल शुरू कर दी है।