कानपुर

डॉक्टर्स पर चूहे पड़ रहे हैं भारी, दबोचने के लिए आए शिकारी

हैलट अस्ताल की ओटी में किया कब्जा, शिकायत के बाद भी प्रशासन नहीं चेता, डॉक्टर्स ने चंदे से पैसे जमा कर इन्हें पकड़ने का निजी कंवनी को दिया ठेका

कानपुरOct 09, 2018 / 03:41 pm

Vinod Nigam

डॉक्टर्स पर चूहे पड़ रहे हैं भारी, दबोचने के लिए आए शिकारी

कानपुर। शहर के सबसे बड़े हैलट अस्पताल में चूंहों का आतंक हैं। उन्होंने ओपीडी को अपने कब्जे में ले रखा है और ऑपरेशन के दौरान मरीज व डॉक्टर्स पर अपने नुकेले दांतों से हमला कर रहे हैं। आतंकी चूहों के खात्में के लिए यहां के डॉक्टर्स ने आपस मे चंदा कर पचास हजार की रकम जमा की और इन्हें पकड़ना का ठेका एक एक शिकारी को दिया है। डॉक्टरों ने बताया कि चूहे ओटी के अंदर बिलली के तार व ऑपरेशन के अन्य उपकरण खराब कर रहे हैं। जिससे मरीज की जान को खतरा हो जाता है। कईबार हैलट प्रशासन को इस समस्या से छुटकारा दिलाए जाने को पत्र लिखा गया, पर सुनवाई नहीं हुई। खतरनाक चूहों से ओटी को सुरक्षित रखने के लिए हमसब ने चंदा कर पैसे जुटाए और एक निजी कंपनी को ठेका दिया है। पांच दिन के अंदर छह चूहे अभी तक पकड़े गए हैं।

ओटी पर किया कब्जा
शहर का सबसे बड़ा हैलट अस्पताल इनदिनों चूहों को लेकर सुर्खियों में हैं। चूहों ने अस्पताल की ओटी पर कब्जा कर रखा है और ऑपरेशन के दौरान मरीजों के साथ डॉक्टर्स पर नुकीले दांतों से हमला कर रहे हैं। डॉक्टर्स ने चूहों के डर से ओटी पहले फ्लोर पर शिफ्ट कर दी, लेकिन आतंकी चूहे वहां पर पहुंच गए। विभागाध्यक्ष के अलावा अन्य डॉक्टर्स ने अस्पताल प्रशासन को इन चुहों से छुटकारा दिलाए जाने की गुहार लगाई। पर प्रशासन ने फंड नहीं होने के हवाला देकर अपने हाथ खड़े कर लिए। एक सप्ताह पहले सभी डॉक्टर्स ने बैठक कर चूहों के खात्में का प्लॉन बनाया। उन्होंने आपस में चंदा जमा कर पचास हजार रूपए की व्यवस्था की और चूहों को पकड़ने का ठेका एक निजी कंपनी को दिया है। अब कंपनी के लोग चूहों को दबोचेंगे और उन्हें जंगल में छोड़ेंगे।

बीमारी फैलने का खतरा
चूहों के खतरे को देखते हुए ओटी में फॉल्स सीलिंग तक नहीं लग पा रही है। डॉक्टरों को डर है कि कहीं फॉल्स सीलिंग में चूहों का डेरा न बन जाए। यदि ऐसा हो गया तो न सिर्फ इन्हें हटाने में दिक्कत आएगी बल्कि मरीजों को भी परेशानियों को सामना करना पड़ सकता है। ओटी में चूहों के चलते कॉकरोच और दीमक ने भी दस्तक बड़े स्तर पर दे दी है। इससे मरीजों को संक्रमण का खतरा है। डॉक्टर्स की मानें तो उनकी एप्रन और अन्य उपकरण तक सुरक्षित नहीं है। डॉक्टर्स ने बताया कि चूहों से लेप्टोस्पायरोसिस नाम की खतरनाक बीमारी फैलने का खतरा रहता है। ये बीमारी चूहों के पेशाब से फैलती है। पेशाब के कीटाणु हवा में उड़ते हैं। संक्रमित रोगी को तेज बुखार, हाथ-पैर में दर्द होने लगता है।

पांच दिन में छह चूहे पकड़े
जिस कंपनी को चूहों को पकड़ने का ठेका दिया गया है, उसका दावा है कि अस्पताल को छह माह के अंदर चूहों से मुक्त कर देंगे। पांच-छह दिन में कंपनी के कर्मचारियों ने पहली और दूसरी मंजिल पर 40 रैट कैचर लगा दिए हैं। अब तक छह चूहे पकड़े जा सकें हैं। कॉकरोच व दीमक के खात्में के लिए पेस्ट कंट्रोल मैनेजमेंट भी किया जा रहा है। सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर संजय काला के अनुसार, चूहों को पकड़ने के लिए इंतजाम किए गए हैं। मॉड्यूलर ओटी की सख्त जरूरत है। छात्रों को पुरानी ओटी में पढ़ाया जा रहा है और पढ़ने के बाद आधुनिक ओटी में काम करना पड़ता है। अब एक कंपनी को ठेका दिया गया है और उसने चूहों को पकड़ने का काम भी शुरू कर दिया है।

 
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