अबतक था यह नियम
अधिकतर बैंकों ने धन निकासी समेत एटीएम से कोई भी सेवा लेने को ट्रांजेक्शन मान रखा था और एक महीने में अधिकतम पांच बार ही ट्रांजेक्शन की सुविधा दी थी। दूसरे बैंक के एटीएम से अधिकतम तीन ट्रांजेक्शन कर सकते हैं। इससे अधिक होने ट्रांजेक्शन पर बैलेंस इन्क्वायरी में दस रुपये और धन निकासी में बीस रुपये सेवा शुल्क लगता है। ये पैसे ग्राहकों के खाते से कट जाते हैं।
अधिकतर बैंकों ने धन निकासी समेत एटीएम से कोई भी सेवा लेने को ट्रांजेक्शन मान रखा था और एक महीने में अधिकतम पांच बार ही ट्रांजेक्शन की सुविधा दी थी। दूसरे बैंक के एटीएम से अधिकतम तीन ट्रांजेक्शन कर सकते हैं। इससे अधिक होने ट्रांजेक्शन पर बैलेंस इन्क्वायरी में दस रुपये और धन निकासी में बीस रुपये सेवा शुल्क लगता है। ये पैसे ग्राहकों के खाते से कट जाते हैं।
कार्ड लगाना ट्रांजेक्शन गिना जाता था
बैंकों ने इस शुल्क को लगाने के बाद एटीएम में कार्ड लगाने को ही एक ट्रांजेक्शन मानना शुरू कर दिया था। भले ही सर्वर डाउन हो, कैश न हो, पासवर्ड गलत पड़ जाए, तकनीकी कारण से धन निकासी न हो पाए, बैंक ट्रांजेक्शन मानकर गिनते थे। बैलेंस इन्क्वायरी, फंड ट्रांसफर, चेक बुक आवेदन भी ट्रांजेक्शन माना जाता था। इसके अलावा कार्ड रीड न हो पाने, उसे इन वैलिड बताने के बाद भी ट्रांजेक्शन गिना जाता था। इस समस्या से त्रस्त ग्राहकों को आरबीआइ ने बड़ी राहत दी है।
बैंकों ने इस शुल्क को लगाने के बाद एटीएम में कार्ड लगाने को ही एक ट्रांजेक्शन मानना शुरू कर दिया था। भले ही सर्वर डाउन हो, कैश न हो, पासवर्ड गलत पड़ जाए, तकनीकी कारण से धन निकासी न हो पाए, बैंक ट्रांजेक्शन मानकर गिनते थे। बैलेंस इन्क्वायरी, फंड ट्रांसफर, चेक बुक आवेदन भी ट्रांजेक्शन माना जाता था। इसके अलावा कार्ड रीड न हो पाने, उसे इन वैलिड बताने के बाद भी ट्रांजेक्शन गिना जाता था। इस समस्या से त्रस्त ग्राहकों को आरबीआइ ने बड़ी राहत दी है।
अब रुपये निकलने पर होगा ट्रांजेक्शन
अब एटीएम से रुपये निकलने पर ही ट्रांजेक्शन माना जाएगा। खाताधारक एटीएम से बेधड़क बैलेंस इन्क्वायरी कर सकेंगे, फंड ट्रांसफर और कर जमा कर सकेंगे। इसे फ्री ट्रांजेक्शन की सीमा में नहीं नहीं गिना जाएगा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के नए आदेश के अनुसार अब रुपये निकलने पर ही एटीएम ट्रांजेक्शन माना जाएगा और तय सीमा से अधिक बार रुपये निकालने पर शुल्क लगेगा।
अब एटीएम से रुपये निकलने पर ही ट्रांजेक्शन माना जाएगा। खाताधारक एटीएम से बेधड़क बैलेंस इन्क्वायरी कर सकेंगे, फंड ट्रांसफर और कर जमा कर सकेंगे। इसे फ्री ट्रांजेक्शन की सीमा में नहीं नहीं गिना जाएगा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के नए आदेश के अनुसार अब रुपये निकलने पर ही एटीएम ट्रांजेक्शन माना जाएगा और तय सीमा से अधिक बार रुपये निकालने पर शुल्क लगेगा।
आरबीआई ने जारी किए दिशा निर्देश
आरबीआइ के मुख्य महाप्रबंधक पी वासुदेवन ने सभी बैंकों को पत्र लिखा है कि तकनीकी कारणों, कैश न होने आदि की वजह से एटीएम से होने वाले ट्रांजेक्शन को बैंक गिनती में ले रहे हैं, यह गलत है। इन्हें फ्री ट्रांजेक्शन की सीमा से बाहर रखें। साथ ही अपने बैंक के एटीएम से, ऐसे ट्रांजेक्शन जिसमें सीधे धन निकासी नहीं हो रही है, मसलन बैलेंस इंक्वायरी, कर का भुगतान, फंड ट्रांसफर, को भी फ्री ट्रांजेक्शन की सीमा से बाहर रखें।
आरबीआइ के मुख्य महाप्रबंधक पी वासुदेवन ने सभी बैंकों को पत्र लिखा है कि तकनीकी कारणों, कैश न होने आदि की वजह से एटीएम से होने वाले ट्रांजेक्शन को बैंक गिनती में ले रहे हैं, यह गलत है। इन्हें फ्री ट्रांजेक्शन की सीमा से बाहर रखें। साथ ही अपने बैंक के एटीएम से, ऐसे ट्रांजेक्शन जिसमें सीधे धन निकासी नहीं हो रही है, मसलन बैलेंस इंक्वायरी, कर का भुगतान, फंड ट्रांसफर, को भी फ्री ट्रांजेक्शन की सीमा से बाहर रखें।