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रेल दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आरडीएसओ ने तैयार किया हैंड हेल्ड इक्विपमेंट रक्षक, जानिए क्या है ये

locationकानपुरPublished: Sep 26, 2018 01:06:46 pm

ट्रेन के अचानक आने पर ट्रैक मेंटिनेस का काम करने वाले गैंगमैन, कीमैन व अन्य कर्मचारी अब हादसे का शिकार नहीं होंगे. उनकी रक्षा अब रक्षक करेगा. जी हां, आप सही सुन रहे हैं.

Kanpur

रेल दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आरडीएसओ ने तैयार किया हैंड हेल्ड इक्विपमेंट रक्षक, जानिए क्या है ये

कानपुर। ट्रेन के अचानक आने पर ट्रैक मेंटिनेस का काम करने वाले गैंगमैन, कीमैन व अन्य कर्मचारी अब हादसे का शिकार नहीं होंगे. उनकी रक्षा अब रक्षक करेगा. जी हां, आप सही सुन रहे हैं. आरडीएसओ का तैयार किया गया ये रक्षक एक हैंडहेल्ड इक्विपमेंट हैं, जो ट्रेन के एक निश्चित दायरे में प्रवेश करते ही ट्रैक पर काम कर रहे कर्मचारियों को अलर्ट कर देगा. यानि कि रक्षक की मदद से ट्रैक पर काम करने वाले कर्मचारियों संग होने वाली दुर्घटनाओं पर पूरी तरह से शिंकजा कसा जा सकेगा.
इस बात को रखा गया है ध्‍यान में
रेलवे अधिकारियों की मानें तो दो सप्ताह पूर्व ही रूरा में एक गैंगमैन की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई थी. ट्रैक में काम करने वाले कई गैंगमैन, कीमैन, प्वाइंट मैन ऐसी दुर्घटना के शिकार हो चुके हैं. रेलवे बोर्ड ने ट्रैक पर काम करने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस उपकरण को तैयार करवाया है.
रेलवे अधिकारियों की मानें तो…
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक इस उपकरण को रेलवे के अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन लखनऊ ने तैयार किया है. पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत लखनऊ मंडल के छह स्टेशनों पर इस उपकरण का उपयोग शुरू कर दिया है. यह उपकरण उपयोगी भी साबित हुआ है. अधिकारियों के मुताबिक जल्द ही अन्य मंडल के अंतर्गत आने वाले स्टेशनों में भी यह उपकरण वितरण किया जाएगा.
ऐसे करेगा काम
एनईआर जोन के सीपीआरओ संजय यादव के मुताबिक यह उपकरण रेलवे लाइनों में कार्य करने वाले गैंगमैनों के हेड ‘मेठ’ को दिया जाएगा. यह उपकरण हैंड हेल्ड सेट ‘वाकी-टाकी’ की तरह होगा, जिसे मेठ अपने पास अनिवार्य रूप से रखेगा. सूत्रों के मुताबिक यह उपकरण सिग्नलिंग सिस्टम से सीधे जुड़ा रहेगा, जो स्टेशन मास्टर कार्यालय में लगे हुए ट्रांसमीटर से संचालित होगा. प्लेटफार्म पर खड़ी ट्रेन को जैसे ही आगे बढ़ने का ग्रीन सिग्नल मिलेगा. रेल लाइन पर उपस्थित ‘मेठ’ के पास मौजूद रक्षक उपकरण को संदेश मिल जाएगा.
ऐसे होता है काम
रेलवे अधिकारियों मुताबिक वर्तमान में रेलवे ट्रैक पर काम करने वाले कर्मचारियों को सचेत करने के लिए हूटर प्रणाली का इस्‍तेमाल किया जाता है, जिस स्थान में ट्रैक मेंटीनेंस का काम चलता है. वहां पर गैंगमैनों का हेड एक हूटर लगाता है, जिसको बजाने के लिए एक कर्मचारी को वहीं पर तैनात किया जाता है. वह ट्रैक के दोनों ओर नजर रखता है और ट्रेन के दिखाई देते ही वह हूटर बजा कर कर्मचारियों को ट्रैक से हट जाने का अलर्ट जारी करता है.
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