बताया जाता है कि जेके कॉलोनी प्रथम निवासी महेश मिश्र ने एक प्राइवेट कंपनी में काम करता है। उसकी पत्नी रेशू को २५ मई के दिन प्रसव पीड़ा के कारण कांशीराम अस्पताल लाया गया। जांच करने के बाद डॉ. सुधा सुमन गुप्ता ने कहा कि ऑपरेशन होगा। इसी बीच डॉक्टर के साथी ने कहा कि ऑपरेशन के लिए पैसे जमा होते हैं, तुम पांच हजार जमा करा दो।
डॉक्टर के दलाल ने महेश को समझाया कि यहां कम दाम पर डिलीवरी होती है, पैसे जमा करने पड़ते हैं। जब महेश ने मना किया तो उसने ऑपरेशन कराने से मना कर दिया और निजी अस्पताल ले जाने का दबाव बनाया। जिसके बाद मजबूर होकर महेश ने ४५०० रुपए जमा कर दिए। तब जाकर ऑपरेशन कर डिलीवरी कराई गई। महेश का कहना था कि पैसे की बात पहले तो कही नहीं गई अब अचानक मांग लिए गए।
एक दूसरे मामले में चार दिन से भर्ती कए महिला ज्योति के तीमारदारों से पैसे की मांग की जाती रही। महिला के पति ने जब आर्थिक स्थिति का हवाला दिया तो अस्पताल के स्टाफ ने उनसे अभद्रता की। बोले अस्पताल है, सब्जी मंडी नहीं, पैसे तो जमा करने ही पड़ेंगे तभी आपरेशन होगा। इसके बाद ज्योति के पति राहुल ने किसी तरह से पैसे जमा किए तो डॉ. सुमन सुधा ने ऑपरेशन किया।
अस्पताल में हो रही वसूली की जानकारी जब बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को मिली तो उन्होंने इसका विरोध जताया और अस्पताल पहुंचकर हंगामा किया। इस पर सीएमएस डॉ. एस के पांडेय ने कार्यकर्ताओं कों शांत कराया। कार्यकर्ताओं की शिकायत पर सीएमएस ने जांच और कार्रवाई की बात कही है।