संयुक्त शिक्षा निदेशक केके गुप्ता ने बताया कि कानपुर मंडल में वर्तमान में 1731 वित्तविहीन विद्यालय चल रहे हैं। जिनमें 19061 शिक्षकों को पंद्रह हजार रूपए से कम मानदेय प्राप्त हो रहा है। जबकि इनमें से 266 ऐसे शिक्षक हैं। जिनको 15 हजार से अधिक मानदेय मिल रहा है। इस संबंध ने उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ पांडेय गुट के प्रदेश संयोजक शैलेन्द्र द्विवेदी ने कहा कि संगठन पूर्व से ही लगातार यह मांग कर रहा है कि शिक्षकों का मानदेय 15 हजार रूपए से अधिक होना चाहिए। इसी मांग के समर्थन में उप्र माध्यमिक शिक्षणेत्तर एसोसिएशन के प्रदेश महामंत्री संतोष तिवारी ने भी इसका समर्थन किया है।