scriptबदलते दौर के साथ खत्म हो रहा रिवाल्वर का शौक | Revolver not interested in the new generation | Patrika News

बदलते दौर के साथ खत्म हो रहा रिवाल्वर का शौक

locationकानपुरPublished: Mar 16, 2019 02:06:17 pm

१० हजार सालाना से घटकर १५०० तक आ गिरी मांगबढ़ते तनाव में परिवार वाले रिवाल्वर रखने के पक्ष में नहीं

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बदलते दौर के साथ खत्म हो रहा रिवाल्वर का शौक

कानपुर। एक दौर था जब रिवाल्वर का शौक युवाओं के सिर चढ़कर बोलता था। जिसके पास भी ठीकठाक पैसा होता था वह रिवाल्वर जरूर रखता था। कार से ज्यादा रिवाल्वर का क्रेज था, लेकिन समय और जरूरतें बदलने के साथ-साथ शौक में भी बदलाव आया। अब युवा रिवाल्वर की जगह बेहतर कॅरियर को पसंद करने लगा है। जिसके चलते रिवाल्वर की मांग तेजी से घटी है।
कानपुर की रिवाल्वर मशहूर
कानपुर की फैक्ट्रियों में बनी रिवाल्वर की मांग मुम्बई तक थी। मेड इन कानपुर की रिवाल्वर फिल्मी हस्तियों की पहली पसंद थीं। मार्क सीरीज के बाद निर्भीक को लांच किया गया। फिर इसके बाद निशंक और अनमोल रिवाल्वर का भी जादू चला। लेकिन आज की नई पीढ़ी को रिवाल्वर का कोई शौक नहीं रहा।
लाइसेंस रोक का भी असर
२०१८ के पहले यूपी में दो साल तक नए रिवाल्वर लाइसेंस बनने पर रोक थी। जिसके चलते रिवाल्वर की बिक्री ठप पड़ गई थी। फील्ड गन फैक्ट्री के जीएम अनिल कुमार ने बताया कि यूपी में नए लाइसेंस पर रोक हटने के बावजूद स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है। आज का युवा वर्ग रिवाल्वर नहीं रखना चाहता।
टैबलेट और गैजेट का क्रेज
रिवाल्वर की जगह हाईटेक टैबलेट और गैजेट ने ले ली है। हाथों में मल्टीपरपज गैजेट का शौक युवाओं में ज्यादा देखा जा रहा है। महंगा मोबाइल भी अब स्टेटस सिंबल में शामिल है। आईफोन ने युवाओं को खासा आकर्षित किया है। युवा वर्ग सोशल मीडिया पर ज्यादा समय देता है।
परिवार के लोग राजी नहीं
आजकल के माहौल में युवा तनाव में भी घिरा रहता है। पढ़ाई के अलावा कई कारण ऐसे होते हैं जब युवा वर्ग मानसिक दबाव से घिरा रहता है, ऐसे में उसके हाथ में रिवाल्वर होना उसके और दूसरे के लिए भी खतरा बन सकता है। घर में किसी बच्चे के हाथ में रिवाल्वर लग जाना भी खतरा हो सकता है।
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