यह घटना गुरुवार रात करीब पौने एक बजे की है। इस समय झारखंड एक्सप्रेस फफूंद स्टेशन से पास थी। कानपुर के लिए ट्रेन रवाना होते ही जनरल कोच में पहले से सवार बदमाशों असलहे निकाल लिए और लूटपाट करने लगे। यह देख यात्रियों के पसीने छूट गए। जब कुछ यात्रियों ने विरोध किया को असलहों से लैस बदमाशों ने उन्हें जमकर पीटा। मूसापुर कोडा कटिहार के मोहम्मद मुन्ना का तमंचे की बट से सिर फोड़ दिया। लहुलूहान मुन्ना कोच की फर्श पर पड़े छटपटाते रहे। उनकी हालत देख यात्रियों में चीख पुकार मच गई।
डकैतों को किसी पर रहम नहंी आया। जिसके पास से जो मिला लूट लिया। महिलाओं कान के बाले नोच लिए, जिसमें कई महिलाओं के कान लहूलुहान हो गए। जिस महिला ने ना नुकुर की उसे डकैतोंं ने बुरी तरह पीटा और गहने छीन लिए। दशहत में आईं कुछ महिलाओं ने असलहा देख खुद ही अपने गहने उतार दिए। करीब आधे घंटे तक बदमाशों ने दो जनरल कोचों में लूटपाट की। तब तक ट्रेन में तैनात पुलिस की एस्कोर्ट को कोई खबर नहीं थी। कंचौसी और झींझक स्टेशन के बीच चेन पुलिंग हुई तो जीआरपी और आरपीएफ जवान हरकत में आए। आधी रात के बाद ट्रेन से उतरकर कुछ लोगों को जाते देखा तो सिपाही भी ट्रेन से कूद गए और पैदल ही दौड़ा लिया। कुछ दूरी पर कार में बैठकर भागने की कोशिश कर रहे छह डकैतों को दबोच लिया।
डकैत जिस जगह पर चेनपुलिंग कर उतरे थे, वहां रेलवे ट्रैक के पास ही एक कार पहले से खड़ी थी। बदमाश इसी कार से भागने की फिराक में थे। ट्रेन से उतरकर वे कार की ओर दौडऩे लगे। अंधेरा होने के नाते उन्हें इस बात की भनक नहीं लगी कि पीछे से सिपाही भी आ रहे हैं। कार में बैठ चुके 6 को पुलिस ने दबोच लिया तथा तीन अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले। जानकारी होने पर आरपीएफ और जीआरपी के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। कानपुर आरपीएफ के सहायक सुरक्षा आयुक्त एसनएन पांडेय नेब ताया कि पकड़े गए बमदाशों के पास से कार, यात्रियों के छीने गए मोबाइल, गहने और आठ हजार रुपए बरामद किए गए हैं।