कानपुर देहात पुलिस की गिरफ्त में खड़े ये सख्स कोई आम नहीं बल्कि कुछ ख़ास लुटेरे है, क्योकि इन्होंने जुर्म का रास्ता महज इसलिए चुना है, क्योकि इनकी माशूकाओं के लम्बे खर्च को उठाना इनके लिए मुश्किल हो रहा था। लिहाजा गैंग का सरगना अनुराग जो कि बीएससी का छात्र है, उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा और मोटर साइकिल लूट, चैन लूट व सुनसान इलाकों से गुजर रहे राहगीरों को लूट का शिकार बनाना शुरू कर दिया।
जिससे यह अपनी माशूका की हसरतों को पूरा करने लगा। धीरे -धीरे इसने अपने गैंग में और ऐसे नए लड़कों को जोड़ा जिनकी जरूरत भी पैसा ही थी। जिसके सहारे वे अपनी माशूकाओं की ख्वाहिशें पूरी कर सके। इस गैंग में कानपुर, कानपुर देहात व औरैया जिले के लुटेरे शामिल है, जो पलक झपकते वारदातों को अंजाम देकर रफूचक्कर हो जाते थे और लूट के सामान को छिपाने के लिए इन्होंने बिजली विभाग की एक निर्माणाधीन बिल्डिंग को चुना, जहां कोई आता जाता नहीं है। लिहाजा चोरी के सामान को छिपाने के लिए इससे मुफीद जगह इन अपराधियों के लिए कानपुर देहात में और कही नहीं थी। पकड़ा गया गैंग का सरगना पुलिस गिरफ्त में आने के बाद अब खुद को निर्दोष बता रहा है।
पिछले काफी समय से जिले में हो रही वारदातों को लेकर यहां की पुलिस ने इस गिरोह पर सर्विलांस के जरिये नजर रखी थी। जिसमें कल रात आखिरकार पुलिस को सफलता हासिल हो गई। कानपुर देहात की एसओजी टीम का एक सदस्य इनके पास चोरी की मोटर साइकिल खरीदने के बहाने पहुंचा और पैसों का लालच दिया। इसके बाद गैंग का एक सदस्य इन्हें मनपसंद मोटर साइकिल दिखाने के लिए झींझक इलाके में स्थित बिजली विभाग की निर्माणाधीन बिल्डिंग में ले गया, जहां चोरी की दस मोटरसाइकिल मौजूद थी। पुलिस ने मौका देखते ही गैंग के तीन सदस्यों समेत चोरी की मोटर साइकिल समेत इन तीनों वाहन चोरों को हिरासत में लिया और फिर गैंग के दूसरे सदस्यों की खोजबीन शुरू कर। पुलिस ने रात भर में गिरोह के ६ सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस कप्तान रतनकांत पांडेय ने बताया कि पकड़े गए अपराधियों के पास से पुलिस को चोरी की दस मोटर साइकिल, एक सैमसंग मोबाइल, चार तमंचे, 9 कारतूस के साथ दो हजार रुपये नगद बरामद किये है।