ऊर्जा का सबसे बड़ा माध्यम
सोलर ऊर्जा देश ही नहीं बल्कि दुनिया में ऊर्जा व ईंधन का सबसे बड़ा माध्यम बनता जा रहा है। तेजी से सोलर पैनल का इस्तेमाल बढ़ रहा है। बिजली की बढ़ती कीमतों के चलते अब इसका घरेलू और व्यवसायिक उपयोग भी शुरू हो गया है। सरकारी-गैर सरकारी दफ्तरों, अस्पतालों में भी इसकी मांग बढ़ रही है। शासन स्तर पर भी कई जगह बड़े-बड़े सोलर प्लांट लगाए गए हैं।
सोलर ऊर्जा देश ही नहीं बल्कि दुनिया में ऊर्जा व ईंधन का सबसे बड़ा माध्यम बनता जा रहा है। तेजी से सोलर पैनल का इस्तेमाल बढ़ रहा है। बिजली की बढ़ती कीमतों के चलते अब इसका घरेलू और व्यवसायिक उपयोग भी शुरू हो गया है। सरकारी-गैर सरकारी दफ्तरों, अस्पतालों में भी इसकी मांग बढ़ रही है। शासन स्तर पर भी कई जगह बड़े-बड़े सोलर प्लांट लगाए गए हैं।
सफाई की समस्या
सोलर पैनल को समय-समय पर साफ करने की जरूरत पड़ती है। इस पर धूल-मिट्टी बार-बार जम जाती है, जिससे सूरज का प्रकाश सही तरीके से पैनल को नहीं मिल पाता और पैनल भरपूर ऊर्जा उत्पादन नहीं कर पाता है। मगर जहां पर बड़े-बड़े प्लांट लगाए गए हैं वहां पर सफाई को लेकर बड़ी समस्या आती है। पहली समस्या मानव संसाधन और दूसरी समस्या पानी की।
सोलर पैनल को समय-समय पर साफ करने की जरूरत पड़ती है। इस पर धूल-मिट्टी बार-बार जम जाती है, जिससे सूरज का प्रकाश सही तरीके से पैनल को नहीं मिल पाता और पैनल भरपूर ऊर्जा उत्पादन नहीं कर पाता है। मगर जहां पर बड़े-बड़े प्लांट लगाए गए हैं वहां पर सफाई को लेकर बड़ी समस्या आती है। पहली समस्या मानव संसाधन और दूसरी समस्या पानी की।
ऊंचाई पर सफाई मुश्किल
ऊंचाई पर लगाए गए सोलर पैनलों को साफ करना मुश्किल भरा होता है। इन्हें साफ करने में काफी पानी बर्बाद होता है, साथ ही इनकी सफाई में मेहनत भी काफी लगती है। इसे देखते हुए आईआईटी के दो छात्रों हर्षित राठौर और निखिल कुरेले ने रोबोट से सोलर पैनल साफ करने का रास्ता निकाला है।
ऊंचाई पर लगाए गए सोलर पैनलों को साफ करना मुश्किल भरा होता है। इन्हें साफ करने में काफी पानी बर्बाद होता है, साथ ही इनकी सफाई में मेहनत भी काफी लगती है। इसे देखते हुए आईआईटी के दो छात्रों हर्षित राठौर और निखिल कुरेले ने रोबोट से सोलर पैनल साफ करने का रास्ता निकाला है।
२०१७ में बनाया था रोबोट
दोनों छात्रों ने २०१७ में एक रोबोट तैयार किया था। इसे नोका रोबोटिक्स नाम दिया गया है। छात्रों की इस खोज को हर साल मिलने वाले स्मार्ट स्टार्टअप ऑफ द ईयर की कैटेगरी में आईएसजीएफ अवार्ड के लिए नामित किया गया है। ६ मार्च २०२० को मिलने वाले अवार्ड के लिए ऑनलाइन वोटिंग चल रही है। इसमें नोका रोबोटिक्स सबसे आगे है।
दोनों छात्रों ने २०१७ में एक रोबोट तैयार किया था। इसे नोका रोबोटिक्स नाम दिया गया है। छात्रों की इस खोज को हर साल मिलने वाले स्मार्ट स्टार्टअप ऑफ द ईयर की कैटेगरी में आईएसजीएफ अवार्ड के लिए नामित किया गया है। ६ मार्च २०२० को मिलने वाले अवार्ड के लिए ऑनलाइन वोटिंग चल रही है। इसमें नोका रोबोटिक्स सबसे आगे है।
रोबोट आसानी से साफ करेगा पैनल
छात्रों ने बताया कि रोबोटिक्स के जरिए एक ऐसी मशीन तैयार की गई है जो सोलर पैनल को आसानी से साफ करेगी। इस प्रक्रिया में पानी की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह मशीन पूरी तरह ऑटोमेटिक है और इसे चलाने के लिए किसी तार की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह वायरलेस उपकरण है और इसे वाई-फाई से कंट्रोल किया जा सकता है।
छात्रों ने बताया कि रोबोटिक्स के जरिए एक ऐसी मशीन तैयार की गई है जो सोलर पैनल को आसानी से साफ करेगी। इस प्रक्रिया में पानी की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह मशीन पूरी तरह ऑटोमेटिक है और इसे चलाने के लिए किसी तार की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह वायरलेस उपकरण है और इसे वाई-फाई से कंट्रोल किया जा सकता है।