कानपुर

मुलायम के करीबी नेता ने शिवपाल से मिलाया हाथ, इस सीट से हो सकते हैं प्रसपा के उम्मीदवार

पूर्व मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में गुटबाजी को लेकर सपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कुछ माह पहले पार्टी से छह साल के लिए निकाला था, कानपुर देहात से प्रसपा के टिकट से लड़ सकते हैं लोकसभा का चुनाव।

कानपुरJan 09, 2019 / 02:53 pm

Vinod Nigam

मुलायम के करीबी नेता ने शिवपाल से मिलाया हाथ, इस सीट से हो सकते हैं प्रसपा के उम्मीदवार

कानपुर। समाजवादी पार्टी के कद्दावर दलित नेता व पूर्व मंत्री शिव कुमार बेरिया ने बुधवार को प्रसपा की सदस्यता ले ली। उन्हें शिवपाल यादव ने लखनऊ में पार्टी में शामिल किया। पूर्व मंत्री के साथ दो दर्जन सपा नेता भी अखिलेश को छोड़ शिवपाल से हाथ मिला लिया। जानकारों का कहना है कि शिव कुमार बेरिया को जब सपा से निकाला गया तभी से वो प्रसपा के संपर्क में थे। पार्टी इन्हें कानपुर देहात से टिकट देकर चुनाव के मैदान में उतार सकती है। कानपुर प्रभारी रघुराज शाक्य ने कहा कि पूर्व मंत्री पिछले 40 साल से नेता जी के साथ रहे। जेल गए और खून-पसीने से साइकिल को खड़ा किया। लेकिन विरासत में मिली साइकिल पर बैठते ही सपा प्रमुख ने सम्मान करना छोड़ दिया, जिसके बाद शिवपाल यादव ने पुराने समाजवादियों को कहने पर राजनीतिक दल बनाया।

कौन हैं शिव कुमार बेरिया
पूर्व मंत्री शिवकुमार बेरिया सपा संरक्षक एवं पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के करीबी नेताओं में से एक हैं। वे पांच बार विधायक रहने के साथ ही वे अखिलेश यादव की सरकार में कैबिनेट मंत्री भी बने। उन्हें समाजवादी पार्टी में अनुसूचित जाति का प्रमुख चेहरा माना जाता रहा है। पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवकुमार बेरिया पहली बार 1989 में जनता दल से सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने थे। इसके बाद 1991, 1993 और 2002 में बिल्हौर सीट और 2012 में रसूलाबाद सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर जीते। 2012 में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया था। सपा के कद्दावर नेताओं में शिवकुमार बेरिया की गिनती होती रही है। पार्टी ने अनुसूचित जाति के मतदाताओं को लुभाने के लिए सदैव उन्हें आगे किया। 2017 के विधानसभा चुनाव में ही उनका टिकट काटने का मन पार्टी नेतृत्व ने बना लिया था, लेकिन वे बिल्हौर सीट से टिकट पाने में कामयाब हो गए थे।

अखिलेश ने सपा से किया था बाहर
सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नोटबंदी के समय बैंक में मां के लाइन लगाने के दौरान जन्मे खजांचीनाथ को जन्मदिन पर विशेष तकनीकी के आरसीसी रेडीमेड मकान भेंट करने की घोषणा की थी। खजांची के जन्मदिन समारोह में सरदारपुरवा गांव पहुंचे सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष के कार्यक्रम में खजांची नाथ व उसकी मां सर्वेशा देवी नहीं पहुंची थीं। सपा के नेताओं ने अखिलेश यादव को इसके पीछे पूर्वमंत्री की साजिश बताई थी। जिसके बाद सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने प्रदेश अध्यक्ष नरेश उतम को कार्रवाई के निर्देश दिए थे। नरेश उत्तम ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने व गुटबाजी के चलते पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवकुमार बेरिया व रसूलाबाद विधानसभा क्षेत्र के अध्यक्ष कुलदीप यादव को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था।

बढ़ा सकते हैं सपा-बसपा की मुश्किलें
पूर्व मंत्री शिवकुमार बेरिया का दलिम समाज में अचछी पकड़ मानी जा रही है। प्रसपा इन्हें कानपुर देहात से टिकट देकर चुनाव के मैदान में उतार सपा व बसपा का खेल बिगाड ़ सकती है। प्रसपा नेताओं की मानें तो पूर्व मंत्री का लगभग-लगभग लोकसभा चुनाव लड़ना तय हैं। मामले पर सपा कानपुर देहात जिलाध्यक्ष समरथ पाल ने बताया प्रदेश अध्यक्ष ने दोनों नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण निष्कासित किया था। पूर्व मंत्री सपा के बजाए प्रसपा के लिए जमीन तैयार कर रहे थे। कहा, प्रसपा में उनके जाने से पार्टी को कोई नुकसान नहीं होगा। सपा व बसपा मिलकर भाजपा को हराएगी।

 

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