जहां समाजवादी पार्टी से टिकट पायी प्रत्याशी रमा देवी पत्नी राजाबाबू दिवाकर को पालिका अध्यक्ष बनाने के लिये जिलाध्यक्ष समरथ पाल से लेकर बिल्हौर से सपा विधायिका रही अरुणा कोरी अपने प्रत्याशी के लिये वोट जुटाने के लिये मैदान में आ चुकी है। हालांकि विधानसभा चुनाव में रसूलाबाद से उपविजेता रही अरुणा कोरी इस निकाय चुनाव में अपने जातीय मतदाताओं को लुभाने में जी तोड़ मेहनत कर रही है। उन्होंने झींझक सपा कार्यालय पहुंचकर लोगों से वार्ता की। इसके बाद उन्होने प्रत्याशी के समर्थन में लोगों के घर जाकर वोट मांगे।
वहीं पाल वर्ग के मतदाताओं के एक बड़े समूह को समेटे सपा जिलाध्यक्ष समरथ पाल ने भी अरुणा कोरी के साथ प्रत्याशी के समर्थन में मतदाताओं से अपील की। इसके बाद उन्होंने पाल समुदाय के लोगों को रमा देवी के समर्थन में मतदान करने के लिये हुंकार भरी। लोगों के अनुसार झींझक नगर में ब्राह्मण मतदाताओं का एक बड़ा समुदाय माना जाता है। इसके बाद वैश्य वर्ग एक बड़े समुदाय के रूप में सपा के झंड़ा के नीचे दिखायी दे रहा है। जिससे भाजपा, बसपा व कांग्रेस के प्रत्याशियों मे खलबली की स्थिति पैदा हुयी है। वहीं निर्दलीय प्रत्याशियों के समीकरण बिगडते नजर आ रहे है।
बताया गया कि सत्तासीन सरकार के जीएसटी व नोटबंदी मामले को लेकर व्यापारी वर्ग भी सत्ता से दरकिनार कर साइकिल पर सवार होने की तैयारी कर रहा है। देखा जाये तो भाजपा से मात खाये हाथी से सामान्य वर्ग किनारा करता प्रतीत हो रहा है। लोगों की चर्चा के अनुसार जहां ब्राह्मण वर्ग का बड़ा समुदाय निर्दलीय प्रत्याशी की तरफ रुख कर रहा है, तो वहीं यादव वर्ग के साथ पाल, वैश्य सहित अधिकांश मुस्लिम वर्ग के सामने फिर से सपा मुखिया का चेहरा उभरकर सामने आ रहा है। अब देखना ये है कि जीत का सेहरा किसके सिर जाता है।