लेकिन रातों रात सपा प्रत्याशी बदल जाने से और सपा में दो फाड़ हो जाने से सपा प्रदेश अध्यक्ष वापस लौट गए और पवन कटियार व सीमा सचान दोनों ही अपने आप को सपा का प्रत्याशी बताने लगे। सपा के दोनों प्रत्याशी अपना नामांकन भी सपा से करा चुके हैं।
इस बीच दोनों के समर्थकों ने एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जमकर मारपीट की। जिसको लेकर लोगों में चर्चा है कि सपा पार्टी हाईकमान के इस निर्णय से सपा प्रत्याशी को खासा नुकसान उठाना पड़ सकता है आपसी अंतर्कलह से अन्य प्रत्याशियों को सीधा लाभ मिलने की सभावना है।
टिकट को लेकर हुआ घमासान कानपुर देहात में जिले में सिकंदरा विधानसभा के उपचुनाव में नामांकन करने पहुंचे सपा के दो प्रत्याशी पवन कटियार व सीमा सचान नामांकन के बाद आपस में भिड़े और मुख्यालय में एक दूसरे के खिलाफ जमकर जिंदाबाद मुर्दाबाद के नारेबाजी करने लगे बताते चले कि जिले के सिकन्दरा विधानसभा में होने वाले उपचुनाव को लेकर जहां सपा ने पहले पवन कटियार को टिकट दिया था और पवन ने नामांकन भी किया था, लेकिन वहीं विधानसभा चुनाव 2017 में सिकन्दरा से सपा प्रत्याशी रह चुकी सीमा सचान को फिर से टिकट दिया गया।
जिसको लेकर जब सपा प्रत्याशी सीमा सचान नामांकन के लिए पहुंची तो सपा के दोनों कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए और मारपीट करने लगे। यहां तक कि सपा प्रत्याशी सीमा सचान के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाये जाने लगे। बबाल को बढ़ता देख पुलिस बल का प्रयोग कर शांत कराया गया और सीमा सचान के प्रत्याशी के साथ मारपीट कर दी।
वापस लौट गये सपा प्रदेश अध्यक्ष दरअसल सिकंदरा विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक मथुरा पाल के निधन के बाद उपचुनाव कराया जा रहा है। कांग्रेस ने इस सीट से प्रभाकर पाण्डेय को उतारा है। जिन्होंने सिने स्टार महिमा चौधरी के साथ पर्चा दाखिल किया। वही बीजेपी प्रत्याशी अजीत पाल ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पाण्डेय के साथ पर्चा भरा। इस बीच समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी आये थे, लेकिन सपा में दो फाड़ हो जाने से वो मुख्यालय आये बिना ही वापस लौट गए।
दरअसल सपा प्रत्याशी पवन कटियार ने दो दिन पहले नामांकन करा लिया था लेकिन रातों रात पवन कटियार का टिकट कट गया और सपा के पूर्व सांसद राकेश सचान की पत्नी सीमा सचान को प्रत्याशी बना दिया गया जिससे सपा में दो फाड़ हो गए।
बाबा व साध्वी का नही हुआ नामांकन इस तरह मचाया उत्पात इसी बीच नामांकन कराने के लिये आशुतोष ब्रह्मचारी व साध्वी शालिनी नामांकन परिसर में आ धमके। समय समाप्त होता देख ड्यूटी पर तैनात पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने उन्हे जब रोकने की कोशिश की तो बाबा व साध्वी गुस्सा से आग बबूला हो गये और परिसर मे ही तांडव करने लगे। जोर शोर से चिल्ला-चिल्ला कर हंगामा काटने पर लोग देखकर दंग रह गये और पुलिस कुछ देर के लिये तमाशाई बनी रही जब पुलिस कर्मियों ने हंगामा करने से उन्हे रोकना चाहा तो दोनों ने धक्का मुक्की तक कर दी, बाद में उन्हे थाने भेजा गया।
पुलिस के अनुसार नामांकन प्रक्रिया का समय समाप्त हो चुका था। उसके बाद दोनो बैरिकेडिंग फांदकर अंदर घुस आये तो उन्हे बताया गया कि समय समाप्त हो गया है, अब नामांकन नहीं हो पायेगा। बस इतनी सी बात पर दोनों आग बबूला हो गये और हंगामा काटने लगे।
जबकि आशुतोष ब्रह्मचारी ने आरोप लगाते हुये कहा कि पुलिस और प्रशासन सत्ताधारियों के इशारे पर काम कर रहे है। उन्हे पता है कि निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव मे दखल करेंगे और अगर विधायक बन गये तो लूट खसोट नहीं चल पायेगी। उनके काले धंधे नही चल पायेंगे। इसलिये धक्का मारकर बाहर
निकलवाने की कोशिश की गयी।
निकलवाने की कोशिश की गयी।