११ मई से २९ सितंबर तक बदली चाल
सोमवार यानी 11 मई को शनि चाल बदलते हुए वक्री हो गए हैं। शनि की यह चाल 142 दिनों तक रहेगी। जिसके चलते 29 सितंबर से शनि वक्री से फिर मार्गी हो जाएंगे। इसका कई राशियों पर असर पड़ेगा। ज्योतिषी केए दुबे पद्मेश और आचार्य मनोज कुमार द्विवेदी ने बताया कि शनि के वक्री होने का सबसे अधिक असर उन राशि के जातकों पर पड़ेगा जिन राशि पर शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही होगी। अगर आपकी कुंडली में शनि अशुभ भाव में बैठा है तब जातक को कष्ट मिलेगा। अगर कुंडली में शनि शुभ भाव में है तो अशुभ असर नहीं देखने को मिलेगा।
सोमवार यानी 11 मई को शनि चाल बदलते हुए वक्री हो गए हैं। शनि की यह चाल 142 दिनों तक रहेगी। जिसके चलते 29 सितंबर से शनि वक्री से फिर मार्गी हो जाएंगे। इसका कई राशियों पर असर पड़ेगा। ज्योतिषी केए दुबे पद्मेश और आचार्य मनोज कुमार द्विवेदी ने बताया कि शनि के वक्री होने का सबसे अधिक असर उन राशि के जातकों पर पड़ेगा जिन राशि पर शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही होगी। अगर आपकी कुंडली में शनि अशुभ भाव में बैठा है तब जातक को कष्ट मिलेगा। अगर कुंडली में शनि शुभ भाव में है तो अशुभ असर नहीं देखने को मिलेगा।
इन राशि के जातकों को राहत
शनि की चाल बदलने से मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैय्या तथा धनु, मकर एवं कुंभ राशि पर शनि की साढ़े साती चलने के परिणामस्वरूप इन राशि वाले जातकों को कुछ दिनों के लिए थोड़ी राहत मिलेगी। इन्हें अपने कर्मों में और अधिक सुधार लाना चाहिए ताकि आने वाला समय अनुकूल रहे। अन्य राशि वालों को भी सन्मार्ग पर चलते हुए सत्कर्म करने चाहिए।
शनि की चाल बदलने से मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैय्या तथा धनु, मकर एवं कुंभ राशि पर शनि की साढ़े साती चलने के परिणामस्वरूप इन राशि वाले जातकों को कुछ दिनों के लिए थोड़ी राहत मिलेगी। इन्हें अपने कर्मों में और अधिक सुधार लाना चाहिए ताकि आने वाला समय अनुकूल रहे। अन्य राशि वालों को भी सन्मार्ग पर चलते हुए सत्कर्म करने चाहिए।
वक्री और मार्गी स्थितियां
ज्योतिष में ग्रहों की दो स्थितियां बताई गई हैं। एक मार्गी और दूसरी वक्री। मार्गी में ग्रह सीधा चलता है यानी आगे बढ़ता है जबकि वक्री स्थिति में ग्रह टेढ़ा या उल्टा चलता है यानी पीछे की ओर चलने लगता है। 18 जून से 25 जून तक 7 दिनों के लिए छह ग्रह वक्री रहेंगे। इसके बाद 25 जून की रात शुक्र ग्रह वृष राशि में मार्गी हो जाएगा। इसके बाद पांच ग्रह वक्री रह जाएंगे।
ज्योतिष में ग्रहों की दो स्थितियां बताई गई हैं। एक मार्गी और दूसरी वक्री। मार्गी में ग्रह सीधा चलता है यानी आगे बढ़ता है जबकि वक्री स्थिति में ग्रह टेढ़ा या उल्टा चलता है यानी पीछे की ओर चलने लगता है। 18 जून से 25 जून तक 7 दिनों के लिए छह ग्रह वक्री रहेंगे। इसके बाद 25 जून की रात शुक्र ग्रह वृष राशि में मार्गी हो जाएगा। इसके बाद पांच ग्रह वक्री रह जाएंगे।
बन रहा दुर्लभ संयोग
बुधवार 13 मई को शुक्र वृषभ राशि में वक्री होगा। ये दोनों ग्रह अपनी-अपनी राशि में वक्री रहेंगे। ज्योतिषियों की मानें तो आगामी 18 जून से 25 जून तक छह ग्रह वक्री रहेंगे। यह दुर्लभ संयोग होगा। ऐसे में दुनियाभर में फैली कोरोना महामारी का असर कम हो सकता है। बताया कि जिन लोगों की महादशा, अंतर्दशा, प्रत्यांतरदशा, सूक्ष्मदशा आदि चल रही है उन्हें विषम परिस्थियों में भी सत्य बोलने से पीछे नहीं हटना चाहिए। इससे शनि की अनुकूलता मिलती है।
बुधवार 13 मई को शुक्र वृषभ राशि में वक्री होगा। ये दोनों ग्रह अपनी-अपनी राशि में वक्री रहेंगे। ज्योतिषियों की मानें तो आगामी 18 जून से 25 जून तक छह ग्रह वक्री रहेंगे। यह दुर्लभ संयोग होगा। ऐसे में दुनियाभर में फैली कोरोना महामारी का असर कम हो सकता है। बताया कि जिन लोगों की महादशा, अंतर्दशा, प्रत्यांतरदशा, सूक्ष्मदशा आदि चल रही है उन्हें विषम परिस्थियों में भी सत्य बोलने से पीछे नहीं हटना चाहिए। इससे शनि की अनुकूलता मिलती है।
शनि के अलावा अन्य ग्रह भी होंगे वक्री
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार राहु-केतु छाया ग्रह माने गए हैं। ये हमेशा वक्री ही रहते हैं। राहु-केतु क्रमश: मिथुन और धनु में वक्री हैं। सूर्य और चंद्र हमेशा मार्गी रहते हैं। 14 मई को गुरु भी वक्री हो रहा है। ये अपनी नीच राशि मकर में शनि के साथ स्थित है। इसके बाद लगातार 34 दिनों तक गुरु, शुक्र, शनि और राहु-केतु ये 5 ग्रह वक्री रहेंगे। 18 जून को बुध भी मिथुन राशि में वक्री हो जाएंगे। इस तरह छह ग्रह वक्री हो जाएंगे।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार राहु-केतु छाया ग्रह माने गए हैं। ये हमेशा वक्री ही रहते हैं। राहु-केतु क्रमश: मिथुन और धनु में वक्री हैं। सूर्य और चंद्र हमेशा मार्गी रहते हैं। 14 मई को गुरु भी वक्री हो रहा है। ये अपनी नीच राशि मकर में शनि के साथ स्थित है। इसके बाद लगातार 34 दिनों तक गुरु, शुक्र, शनि और राहु-केतु ये 5 ग्रह वक्री रहेंगे। 18 जून को बुध भी मिथुन राशि में वक्री हो जाएंगे। इस तरह छह ग्रह वक्री हो जाएंगे।