scriptकुंभ शटल बसों की बॉडी के बजट में भी बड़ा गोलमाल | Scala in the construction of buses of Kumbh Mela | Patrika News

कुंभ शटल बसों की बॉडी के बजट में भी बड़ा गोलमाल

locationकानपुरPublished: Mar 15, 2019 02:04:16 pm

खर्च की बावत किए गए सवालों का जवाब नहीं अफसरों के पासहर छोटे बड़े सामान की खरीदारी में कमीशनबाजी का चला खेल

kumbh mela bus

कुंभ शटल बसों की बॉडी के बजट में भी बड़ा गोलमाल

कानपुर। कुभ के लिए बसों के निर्माण में घपलेबाजी की परतें खुलती जा रही हैं। कानपुर स्थित दो कार्यशालाओं में बसों की बॉडी बनाने में भी बड़ा खेल किया गया। ५०० बसों में प्रति बॉडी ५० से ७५ हजार रुपए का घपला किया गया है। दोनों ही कार्यशालाओं में निर्माण के लिए दिए गए बजट में बड़ा खिलवाड़ कर अफसरों ने अपनी जेबें भरीं
जवाब नहीं दे सके अफसर
जांच के दौरान केंद्रीय कार्यशाला के प्रधान प्रबंधक रवींद्र कुमार और राममनोहर लोहिया कार्यशाला के प्रधान प्रबंधक मनोज रंजन से जब खर्च की बावत सवाल पूछे गए तो वे सही जवाब नहीं दे सके। जांच अधिकारियों ने बताया कि राममनोहर लोहिया कार्यशाला और केंद्रीय कार्यशाला में २५०-२५० बसों की बॉडी तैयार की गई थी। इसमें मानकों से खिलवाड़ किया गया और प्रति बॉडी ५० से ७५ हजार का खेल किया गया है।
अधिकृत कंपनियों से खरीदारी नहीं
बसों के निर्माण में स्थानीय स्तर पर सामान की खरीदारी और करोड़ों रुपए मेंटीनेंस के मद में खर्च किये जाने पर सवाल उठ रहे है। रोडवेज प्रबंधन ने बसों में लगने वाले ट्यूबलर पाइप के लिए दो कंपनियां अधिकृत की थीं। इसमें एक कंपनी ब्लैक लिस्टेड कर दी गई थी, जबकि दूसरी कंपनी से सामान खरीदा ही नहीं गया और स्थानीय स्तर पर खरीदारी करके बड़ा खेल किया गया।
साढ़े सात लाख रुपए प्रति बस बॉडी
५०० बसों की बॉडी के लिए रोडवेज प्रबंधन ने केंद्रीय कार्यशाला को प्रति बस साढ़े सात लाख रुपए दिए थे। जबकि निजी सेक्टर को ५०० बसों के लिए ही ११ लाख रुपए प्रति बस का भुगतान किया गया। केंद्रीय कार्यशाला में पैसे इसलिए कम दिए गए, क्योंकि यहां कर्मचारी और निर्माण उपकरण पहले से उपलब्ध हैं, इसलिए यहां लागत कम आती है। जबकि निजी सेक्टर को अलग से व्यवस्थाएं करनी पड़ती हैं। वैसे भी कार्यशालाओं में निर्माण की लागत साढ़े छह लाख ही आती है, इसलिए बजट सही था।
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