scriptएक्सप्रेस-वे की आड़ में जमीन का खेल करने वालों के पसीने छूटे, जमीन बेचने वाले किसानों की सूची तलब | Scam investigation started in Lucknow-Agra expressway construction | Patrika News

एक्सप्रेस-वे की आड़ में जमीन का खेल करने वालों के पसीने छूटे, जमीन बेचने वाले किसानों की सूची तलब

locationकानपुरPublished: Mar 22, 2020 12:39:51 pm

अनावश्यक डायवर्जन देकर सरकार के करीबियों को पहुंचाया गया फायदा
एक्सप्रेस-वे की अनावश्यक बढ़ी दूरी, अतिरिक्त खर्च हुआ १० फीसदी बजट

एक्सप्रेस-वे की आड़ में जमीन का खेल करने वालों के पसीने छूटे, जमीन बेचने वाले किसानों की सूची तलब

एक्सप्रेस-वे की आड़ में जमीन का खेल करने वालों के पसीने छूटे, जमीन बेचने वाले किसानों की सूची तलब

कानपुर। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे निर्माण में मलाई काटने वालों पर जल्द ही शिकंजा कसा जा सकता है। एक्सप्रेस-वे निर्माण से पहले जमीन की खरीद में हुई हेराफेरी का मामला प्रकाश में आने के बाद इसकी जांच शुरू की गई है। जिसके चलते ईओडब्ल्यू ने उन किसानों की सूची तलब कर ली है, जिन्होंने एक्सप्रेस-वे की घोषणा के समय ही अपनी जमीन दूसरों को बेची थी। इसके बाद किसानों के बयान दर्ज कर सच का खुलासा किया जाएगा। यह जांच शुरू होते ही सपा शासनकाल के उन नेताओं के पसीने छूट रहे हैं, जिन्होंने मौके का फायदा उठाया और जमकर मुनाफा कमाया।
अरबो रुपए के घोटाले की आशंका
जांच कर रही एजेंसी ईओडब्ल्यू को इसमें अरबों रुपए के घोटाले की आशंका है। जांच एजेंसी ने यूपीसीडा से जमीन बेचने वाले किसानों का पूरा रिकार्ड मांगा है। यूपीसीडा ने मंगलवार तक सारे रिकार्ड उपलब्ध कराने की बात कही है। रिकार्ड हाथ में आने के बाद विभाग द्वारा किसानों के बयान दर्ज किए जाएंगे। यूपीसीडा से कहा गया है कि उन किसानों के बारे में जानकारी दी जाए, जिन्होंने एक्सप्रेस वे की घोषणा के बाद अपनी जमीनें दूसरों को बेच दी थीं।
पहले और बाद की कीमत का आंकलन
जांच एजेंसी यह भी पता कर रही है कि जमीन की कीमत घोषणा के समय क्या थी और जब किसानों ने उसे दूसरे को बेची तो वह कीमत क्या थी। इसके बाद जब मुआवजा दिया गया तो वह कितना था। यूपीसीडा के पास यह रिकार्ड मौजूद है। जांच एजेंसी के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक जब किसानों का यह रिकार्ड मिल जाएगा तो उसके बाद उनके बयान दर्ज किए जाएंगे। जांच एजेंसी द्वारा अनुमान लगाया जा रहा है कि जमीनों को दूसरे के नाम बेचने वाले किसानों की संख्या 100 से अधिक हो सकती। इन सभी के बयान दर्ज किए जाएंगे।

अनावश्यक डायवर्जन से बढ़ी लंबाई
ईओडब्ल्यू के अधिकारियों का कहना है कि लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे बनाने में भरपूर खेल हुआ। बिल्हौर, कन्नौज और सैफई में अनावश्यक डायवर्जन दिए गए। जिससे पूर्व सरकार के करीबियों को बहुत फायदा पहुंचा। अब तक की ईओडब्ल्यू की जांच में यह तथ्य उजागर हुए हैं। हालांकि एजेंसी का मानना है कि डायवर्जन और भी दिए गए हैं उनके बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है।
१० फीसदी बढ़ी प्रोजेक्ट कास्ट
जांच करने वाली एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि एक्सप्रेस वे सीधा निकाल दिया जाता तो उसके प्रोजेक्ट कास्ट में इतना अंतर नहीं पड़ता। मगर सडक़ को अनावश्यक बिल्हौर, कन्नौज और सैफई में डायवर्जन दिया गया। इससे प्रोजेक्ट कास्ट में 8-10 प्रतिशत का इजाफा हो ग जांच एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि इसमें क्या खेल हुआ है इसका खुलासा भी जल्द हो जाएगा। निर्माण करने वाली कम्पनी को इन डायवर्जन से कितना फायदा हुआ इसके बारे में भी पता लगाया जाएगा।
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