परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को किसी ने एक गुमनाम पत्र भेजा। जिसमें बताया गया है कि कानपुर केंद्रीय कार्यशाला के अफसरों ने कुंभ मेले के लिए तैयार कराई गई ५०० बसों में मानकों से खिलवाड़ कर बड़ा घोटाला किया है। बसों के निर्माण में गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा गया है और घटिया चीजों का इस्तेमाल कर बजट में गोलमाल किया गया है। केंद्रीय कार्यशाला के अफसरों ने बसों के निर्माण में जमकर मनमानी की। पत्र भेजने वाले ने इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग की।
पत्र मिलने के बाद परिवहन मंत्री ने तत्काल मामले की जांच के आदेश दिए। जिसके बाद लखनऊ से एक टीम कानपुर केंद्रीय कार्यशाला पहुंची और कार्यशाला के प्रधान प्रबंधक मनोज रंजन से पूछताछ की गई। टीम में शामिल मुख्य प्रधान प्रबंधक विजय नारायण पांडेय और ए रहमान ने निर्माण की बावत कार्यशाला के अफसरों से लंबी पूछताछ की और कार्यशाला का निरीक्षण कर निर्माण में प्रयुक्त होने वाली चीजें भी देखीं।
प्रबंध निदेशक धीरज साहू के निर्देश पर टीम ने कार्यशाला में बस बॉडी बनाने व अन्य मद में खर्च की गई राशि के कागजात जब्त किए और लखनऊ लौट गई। टीम के सदस्यों ने बताया कि पूरे मामले की जांच करके दो तीन दिन में रिपोर्ट प्रबंध निदेशक को सौंप दी जाएगी। दोषी अफसरों पर कार्रवाई की जाएगी। टीम ने बताया कि शटल बस की बॉडी में काला पाइप लगाया गया और क्रय कमेटी ने महंगी दर पर सामान खरीदा है। जरूरी होने पर भी सीट पर रेक्सीन नहीं लगाई गई। इसके अलावा अन्य मानकों में भी खेल किया गया है।