कानपुर देहात में सैकड़ों की संख्या में निजी स्कूल संचालित हैं। जिनमें महज कुछ स्कूलों ने अप्रैल, मई जून माह की फीस माफ की है। दरअसल रसूलाबाद सहित कई कस्बों व गांव में संचालित स्कूलों में से कुछ कालेजों के संचालकों ने कोरोना काल के चलते अप्रैल, मई और जून माह की फीस को माफ कर दिया गया। लेकिन कई स्कूलों के संचालक शिक्षकों के वेतन का हवाला देकर और कुछ ऑनलाइन पढ़ाई की बात कहकर इन तीन माह की फीस वसूल रहे हैं। जबकि लॉकडाउन में अभिभावकों के हालात देखकर भी कालेज संचालकों को तरस नहीं आ रहा है। जबकि लॉकडाउन के शुरुआती दौर में लोगों को खाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
ऐसे में स्कूल कॉलेज संचालकों की मनमानी से अभिभावकों में रोष व्याप्त है। अभिभावकों का कहना है कि कोरोना वायरस के चलते हर वर्ग के लोगों को खासा नुकसान हुआ है। लोगों के व्यापार ठप हो गए। ऐसे में स्कूल, कॉलेज संचालकों को थोड़ी राहत तो देनी चाहिए थी, जिससे उनके बच्चों की शिक्षा दीक्षा अच्छे से चल सके, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है। जबकि कई अभिभावकों के पास संसाधनों का अभाव होने के चलते ऑनलाइन शिक्षा पूरी तरह चौपट रही। वहीं ऑनलाइन शिक्षण की बात संचालक कहकर जेब भरने में लगे हैं।