scriptस्कूल की दीवार पर लिख दिया कुछ ऐसा कि मच गया हड़कम्प | School Wall dirty slogan creates furor in Kanpur Dehat | Patrika News

स्कूल की दीवार पर लिख दिया कुछ ऐसा कि मच गया हड़कम्प

locationकानपुरPublished: Nov 09, 2017 10:31:05 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

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Diwar Slogan

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कानपुर देहात. खुले में शौच करने की मानसिकता रखने वाले आज भी अनगिनत। ढ़ूंढने निकलेंगे तो गल्ली-मुहल्लों में दिन हो या रात हो, कोई न कोई आपको ये क्रिया करता आज भी दिख ही जाएगा। लेकिन इस पर रोक क्यों नहीं लग रही। यह सवाल आज भी बड़ा है और महत्वपूर्ण है। यदि इसका जवाब अभी नहीं मिलता है तो पीएम मोदी के ‘स्वच्छ भारत अभियान’ की दिशा में यह एक बड़ी चूक होगी। किसी ने कहा है कि ‘सोच बदलो, शौच बदलेगा’। कानपुर के झींझक में इसी बात को सोचकर शायद एक अज्ञात शख्त ने स्कूल की दीवार पर कुछ समझाने की कोशिश की है। “मम्मी-पापा शर्म करो, खुले में हगना बंद करो”, बकायदा पेंट कर यह स्लोगन लिखने वाले का नाम-पता तो मालूम नहीं हैं, लेकिन इससे ये जरूर पता चलता है कि लिखने वाला यह शख्स पढ़ा-लिखा है, लेकिन घर में चली आ रही खुले में शौच करने की पुरानी परंपरा से वह बेहद दुखी है। और अपनी कुंठा को इस शख्स ने दीवार में सजा दिया।
वैसे यह पहला मामला नहीं है जब दीवारों पर इस तरह के ज्ञान बांटे गए हों। अक्सर देखा जाता है कि कई दीवारों पर भिन्न-भिन्न तरह के स्लोगन लिखे गए हैं। उदाहरण के तौर पर जैस “श्रीमान खतरों के खिलाड़ी, जाओ शौचालय छोड़ो झाड़ी”, “दीवार पर शौच कभी मत सोच”, इत्यादी। ये अक्सर उन्हीं दीवारों पर लिखे जाते हैं, जहां लोग लघुशंका करते हैं, लेकिन विडम्बना ऐसी है कि सामने दीवार पर अपना उपहास उड़ता देख भी इन लोगों को रत्ती भर शर्म नहीं आती है और जो काम करने आए हैं, उसे वह कर के ही मानते हैं। शायद इसलिए कि उनके जीवन में इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
सरकार को नहीं दे सकते दोष-

यहां यदि कोई कहे कि खुले में शौच के लिए सरकार जिम्मेदार है तो यह मनमानी होगी। पबल्कि टायलेट आज हर क्षेत्र में हैं। साथ ही यदि गॉंवों की बात करें, जहां सबसे ज्यादा यह समस्या देखने को मिलती है, तो वहां पर भी सरकार दवारा घर-घर में बनाए गए शौचालय का प्रयोग नाम मात्र हो रहा। लोगों में अब भी बाहर शौच करने की प्रवृत्ति नहीं रूकी है। अफसरों द्वारा शौचालय का उपयोग करने की बात कही जाती है, लेकिन आदत से मजबूर, कोई कैसे माने। हैरान करने वाली तस्वीरें तो यह भी दिखा रही हैं, गांवों में घरों में शौचालय की जहगों को वह स्टोररूम की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। मतलब खुले में शौच की आदत से कोई समझौता नहीं।
खूब चलाए जा रहे अभियान-

लोगों में खुले में शौच न करने और बाथरूम की आदत अपनाने के लिए विभिन्न तरह के अभियान चलाए गए हैं। स्कूल से लेकर दफ्तरों में, यहां तक बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार की फिल्म ‘टायलेट-एक प्रेम कथा’ के जरिए लोगों को इसके प्रति जागरूक करने की कोशिश की गई है। पत्रिका भी आपसे शौचालय का उपयोग करने का आग्रह करती है। खुद जागरूकर होकर दूसरों को भी जागरूक करें। भारत को स्वच्छता की ओर अग्रसर करें।
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Diwar Slogan IMAGE CREDIT: Patrika
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