रेलवे अधिकारियों का मानना है कि जितने समय में टिकट बुक हो रही है, उतना समय तो केवल फॉर्म भरने में लग जाता है। फिर 45 सेकेंड से भी कम समय में एक ट्रेन के सभी टिकट बुक होना किसी बड़े रैकेट की ओर इशारा कर रहा है। ऐसा तब हुआ जब दिल्ली से पटना जाने के लिए अंकेश ने 02310 पटना स्पेशल राजधानी में एसी थ्री का टिकट सुबह 8 बजे ऑनलाइन बनाना शुरू किया। एक मिनट में ही वेटिंग/रिग्रेट होने से टिकट न बना। इसे देखते हुए रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारी भी एक्टिव हो गए हैं। टिकटों की सौदेबाजी की आशंका में मामला रेलवे बोर्ड तक पहुंच गया है। आरपीएफ अधिकारियों को जांच के आदेश दिए गए हैं कि इसके पीछे कहीं टिकट का धंधा करने वाले लोग तो नहीं हैं।
लॉकडाउन में फंसे लोगों को घर पहुंचने की बेताबी है। जब उन्हें कंफर्म टिकट नहीं मिल रहा है तो भी वे वेटिंग का टिकट ले रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि कहीं न कहीं से सीट कंफर्म मिल जाएगी। दिल्ली से कानपुर आने के लिए एक यात्री ने आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर लॉगिन कर 02824 एक्सप्रेस में टिकट बनाने की कोशिश की। लेकिन एक मिनट बाद ही 24 मई का टिकट 34 वेटिंग के साथ बना। मजबूरी में कन्फर्म होने की उम्मीद में टिकट बना लिया।
आरपीएफ के सहायक सुरक्षा आयुक्त आर एन पांडेय ने बताया कि कुछ सेकेंडों में स्पेशल राजधानी के टिकट बुकिंग का मामला रेलवे बोर्ड तक पहुंच गया है। सभी प्रभारियों को यह पता लगाने को कहा गया है कि टिकटों के पीछे कोई गैंग तो नहीं काम कर रहा। दो-चार दिन में स्थिति साफ हो जाएगी। आरपीएफ पोस्टों के प्रभारियों से दो दिन में रिपोर्ट मांगी गई है।
मौके का फायदा उठाते हुए ट्रैवेल एजेंटों ने लूट शुरू कर दी है। टिकट के लिए दोगुना तक पैसा वसूल रहे हैं। मधु पांडेय की बेटी श्रद्धा ने कानपुर से भुवनेश्वर का ऑनलाइन टिकट बनवाने को ट्रैवेल एजेंट से संपर्क किया तो उसने 5000 मांगे। कानपुर से थर्ड एसी का 2500 रुपए ही है। 1435 पर एजेंट ने मांगे 3000 रुपए मंगलाविहार निवासी राजेश ने कानपुर से पटना के लिए कंफर्म टिकट के लिए एजेंट से संपर्क किया। उसने तीन हजार रुपए मांगे, जबकि कानपुर से पटना का थर्ड एसी का किराया 1435 रुपए ही है।