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कानपुर

आयुष्मान योजना बन गई कमाई का जरिया, राजाबाई ने भैंस बेंचकर चुकाया रूपइया

नर्सिंग होम के डॉैक्टरों ने 19 घंटे रख बगैर इलाज किए ही वसूले 25 हजार रुपये एलएलआर अस्पताल की आया ने दिखाया था खराब इलाज का डर।

कानपुरJun 02, 2019 / 02:10 pm

Vinod Nigam

Serious allegation in Ayushman Yojana Kanpur news

आयुष्मान योजना बन गई कमाई का जरिया, राजाबाई ने भैंस बेंचकर चुकाया रूपइया

कानपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आयुष्मान करप्शन के भेंट चढ़ चुकी है। डॉक्टर मरीजों के साथ छल कर उन्हें सरकारी के बजाए प्राइवेट अस्पताल में एडमिट करवा रहे हैं। आयुष्मान योजना के तहत मरीज का इलाल दिखा तीमारदारों को लूटने के साथ ही सरकार को चूना लगा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला एलएलआर अस्पताल में सामनें आया है। यहां आयुष्मान भारत (प्रधानमंत्री जन आरोग्य) योजना में निशुल्क इलाज के भर्ती ब्रेन टीबी से पीड़ित वृद्धा को डॉक्टर व आया ने सही इलाज नहीं मिलनें का झांसा देकर नर्सिगहोम में भेज दिया। वहां भी बुजुर्ग को ठगा गया। बिना, दवा, इंजेक्शन के डॉक्टरों ने महज 19 घंटे के अंदर 25 हजार का बिल थमा दिया। मजबूरी में किसान ने अपनी दुधारू भैंस को बेंचकर पैसा अस्पताल में देकर मरीज को छुड़वाया।

एलएलआर में चल रहा खेल
हमीरपुर जिले के भरूआ सुमेरपुर निवासी ज्ञान सिंह ने अपनी समधिन जालौन के भेड़ी खुर्द (कदौरा) निवासी 75 वर्षीय राजाबाई को 26 मई की रात एलएलआर इमरजेंसी में भर्ती कराया। ज्ञान सिंह जरूरी काम से गांव चले गए। मरीज के साथ नातिन प्रियंका थी। प्रियंका के मुताबिक, वार्ड आया संगीता आई और कहा, यहां इलाज अच्छा नहीं होता है, मरीज मर जाते हैं। मेरे परिचय के अच्छे डॉक्टर को दिखाओ तो जल्द ठीक कर देंगे। इससे हम डर गए और प्राइवेट एंबुलेंस को बुला लिया। आया के बताए कल्याणपुर के न्यू आजाद नगर स्थित रामेंद्र सिंह कुशवाहा मेमोरियल नर्सिंग होम एवं रिसर्च सेंटर में भर्ती करा दिया।

डॉक्टरों ने किया गुमराह
ज्ञान सिंह के मुताबिक वो 28 मई को एलएलआर अस्पताल पहुंचे, लेकिन राजाबाई अपने बेड पर नहीं मिली। ड्यूटी डॉक्टर से पूछनें पर पता चला कि वो यहां से एक प्राईवेट अस्पताल चली गई हैं। ज्ञान सिंह ने बताया कि हम तत्काल नर्सिंग होम पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने मरीज को घर ले जाने को कहा और बदले में 24900 का बिल थमा दिया। ज्ञान सिंह के मुताबिक, हमनें अस्पताल प्रबंधक को बताया कि मरीज आयुष्मान योजना का पात्र था, पर उन्होंने मानने से इंकार कर दिया। डॉक्टरों ने कहा जब तक पैसे नहीं दोगे तब तक मरीज को अस्पताल में रहना पड़ेगा और उसका चार्ज भी आपको चुकाना होगा।

फिर बेंचनी पड़ी भैंस
ज्ञान सिंह ने राजाबाई को पूरी बात बताई। वृद्धा ने उन्हें गांव जाने को कहा और भैंस बेंचने की सलाह दी। ज्ञान सिंह ने राजाबाई की भैंस 40 हजार में बेंचकर अस्पताल के बिल का भुगतान किया और मरीज को फिर से एलएलआर अस्पताल में एडमिट कराया। इस बीच ज्ञान सिंह ने सीएमएस डॉक्टर रीता गुप्ता को पूरी दास्तां सुनाई। डॉक्टर गुप्ता ने पूरे मामले की जांच के बाद कार्रवाई का आदेश दिया। ज्ञान सिंह ने सीएमएस को बताया कि नर्सिंगहोम प्रबंधक ने 14,900 रुपये नर्सिंग होम का बिल, 7500 रुपये दवा, 2000 रुपये की पैथालॉजी जांच और 500 रुपये एंबुलेंस के नाम पर रूपए वसूले।

आया को हटाया गया
प्रमुख अधीक्षक प्रोफेसर आरके मौर्या ने बताया कि आया की सेवा समाप्त कर दी है। सेवा प्रदाता कंपनी को चेतावनी दी है कि भविष्य में ऐसे कर्मचारी दिए तो काली सूची में डालने के लिए शासन को लिखा जाएगा। प्रमुख अधीक्षक के मुताबिक नर्सिंग होम में मरीज को बमुश्किल चार सौ रुपये की दवाएं दीं और 7500 रुपये चार्ज किए। बगैर इलाज लंबा चौड़ा बिल वसूला। नर्सिंग होम पर सख्त कार्रवाई के लिए सीएमओ को पत्र लिखा है। वहीं मरीजों के तीमारदारों की मानें तो इस पूरे खेल में आया सिर्फ एक मोहरा है। जबकि यहां के डॉक्टर अपनी जेब भरनें के लिए मरीजों के साथ छल करते हैं।

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