scriptकेवल पीएम की आंखों में धूल झोंकने को बंद हुए थे नाले, मोदी के जाते ही खोल दिए गए | Sewage and dirty sewers started falling in the Ganges of Kanpur | Patrika News

केवल पीएम की आंखों में धूल झोंकने को बंद हुए थे नाले, मोदी के जाते ही खोल दिए गए

locationकानपुरPublished: Dec 16, 2019 12:36:58 pm

ड्रमों में जमा किया गया सीवेज भी गंगा में फेंकने की तैयारी
सारी कोशिशों पर फिरा पानी, जलनिगम कर रहा बहानेबाजी

केवल पीएम की आंखों में धूल झोंकने को बंद हुए थे नाले, मोदी के जाते ही खोल दिए गए

केवल पीएम की आंखों में धूल झोंकने को बंद हुए थे नाले, मोदी के जाते ही खोल दिए गए

कानपुर। गंगा बैराज से लेकर अटल घाट और जाजमऊ तक गंगा किनारों पर चल रही कवायद सिर्फ पीएम की आंखों में धूल झोंकने के लिए की जा रही थी। गंगा की स्वच्छता से इसका कोई लेना देना नहीं था। अफसर बस पीएम मोदी को सब कुछ ऑल इज वेल दिखाकर अपनी गर्दन बचाना चाहते थे और वही हुआ। एशिया के सबसे गंदे नाले के रूप में प्रसिद्ध सीसामऊ नाले को मुहाने पर बंद करके अफसरों ने अपनी पीठ ठोंकी और पीएम के सामने अपने नंबर बढ़ा लिए लेकिन जैसे ही पीएम वापस दिल्ली लौटे तो गंगा पर फिर से गंदगी का बोझ लाद दिया गया।
खुल गई जलनिगम की पोल
शनिवार को बैराज से अटलघाट तक भ्रमण के बाद प्रधानमंत्री के जाते ही जल निगम की कवायद की पोल खुल गई। पीएम के आने पर जिन नालों को जुगाड़ से बंद किया गया था, उन्हें फिर से गंगा में गिराना शुरू कर दिया गया। डबकेश्वर घाट के पास जल निगम ने मिट्टी खोदकर सोख्ता बनाने की कोशिश की थी मगर नाले को बंद नहीं किया था। डिवाटरिंग पंप से इसका पानी गंगा में जाने से रोका गया था। रविवार को नाले का सीवेज फिर गंगा में जाने लगा। इसी तरह मैगजीन घाट के बगल में भी गंगा की तरफ से जाने से रोका गया नाला पंप के जरिए रोका गया था मगर अब वापस खुल गया है। कैंट के भी नालों की यही स्थिति है। इन नालों की गंदगी फिर से गंगाजल को दूषित करने लगी है।
चार दिन के लिए की गई थी खानापूरी
प्रधानमंत्री के कानपुर आने के चार दिन पहले ही नालों का पानी गंगा में जाने से रोकने की कवायद की गई थी। सीवेज को गंगा में गिरने से रोकने के लिए प्रयाग से दर्जन भर डिवाटरिंग पंप मंगाए गए थे जो पीएम के लौटते ही शाम को वापस हो गए। जिसके चलते रानी घाट पर कुंआ खोदकर जो ड्रम रखे गए थे, उनका मलवा भी अब गंगा में ही फेंका जाएगा।
मामला छिपाने में जुटे अफसर
इस मामले पर पर्दा डालने की कोशिश करते हुए जलनिगम के चीफ इंजीनियर अनिल कुमार गुप्ता ने कहा कि अब हम नालों पर मोटरों को चलाने के लिए बिजली का कनेक्शन लेंगे। डबकेश्वर या रामेश्वर नाले को रोकने के भी इंतजाम किए जा रहे हैं। कोई नाला गंगा में नहीं गिरेगा। इसकी व्यवस्था की जा रही है।
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