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वाटर और सीवर कनेक्शन से शासन तक पहुंचेगी आपकी कुंडली

locationकानपुरPublished: Jun 22, 2019 11:43:07 am

कनेक्शन ऑनलाइन होने से एक क्लिक पर मिलेगी आपकी प्रोफाइल, मुफ्त में मिलेगा सीवर कनेक्शन, यूनिक आईडी से होगा भुगतान

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वाटर और सीवर कनेक्शन से शासन तक पहुंचेगी आपकी कुंडली

कानपुर। अब सीवर और वाटर कनेक्शन के जरिए सरकार आपको तुरंत तलाश लेगी। कनेक्शन ऑनलाइन होने से आपकी पूरी प्रोफाइल शासन के पास होगी। इसमें आपका और आपके परिवार के सदस्यों तक का पूरा विवरण होगा। बस एक क्लिक में आपकी प्रोफाइल पते समेत कंप्यूटर स्क्रीन पर सामने आ जाएगी। इसके लिए एक ही वेब पोर्टल पूरे प्रदेश के लिए होगा। इसके चलते वाटर और सीवर टैक्स के भुगतान की प्रक्रिया भी आसान और पारदर्शी हो जाएगी। जलनिगम के परियोजना प्रबंधक घनश्याम द्विवेदी ने बतया कि सभी महानगरों के जल निगमों के अधिकारियों को सीवर और वाटर टैक्स ऑनलाइन करने की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है। सभी कनेक्शनधारकों का प्रोफाइल तैयार कर वेब पोर्टल पर अपलोड करने का कार्य निजी एजेंसी का होगा।
विकसित देशों जैसा बनेगा प्लेटफार्म
प्रदेश में अमेरिका, जापान, इंग्लैंड और सऊदी अरब जैसे विकसित देशों की तरह सूबे के लोगों का प्रोफाइल ऑनलाइन कर एक प्लेटफॉर्म पर लाने की तैयारी है। स्थानीय निकाय निदेशालय द्वारा तैयार की गई रूपरेखा को अमल में लाने की कवायद हो चुकी है। जिसके तहत प्रदेश के हर घर में हर कनेक्शनधारक की अलग-अलग प्रोफाइल और यूनिक आईडी बनेगी। आपके नाम से कनेक्शन होगा तो यह भी दिया जाएगा कि घर में कितने सदस्य हैं और उनके नाम क्या हैं। निदेशक डॉ. काजल ने जल निगम को इस संबंध में निर्देश दे दिया है।
यूनिक आईडी से होगा भुगतान
जल निगम को यह प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा गया है। योजना के मुताबिक अब यूनिक आईडी से ही सीवर और वाटर टैक्स का भुगतान होगा। वेब पोर्टल पर हर कनेक्शनधारक का प्रोफाइल तैयार करने की जिम्मेदारी सीएसओ डॉट आसान की होगी जो एनजीओ है। शासन ने इसे एजेंसी के रूप में कार्य करने के लिए अधिकृत किया है।
मुफ्त में मिलेगा सीवर कनेक्शन
इस योजना के तहत हर हाल में कनेक्शन लेना ही होगा और सारे कनेक्शन मुफ्त होंगे। जल निगम का दायित्व होगा कि मैनहोल से घरों को कनेक्ट करने के लिए सीधे टॉयलेट तक पाइप ले जाएं। सेनेटरी पाइप पर होने वाला खर्च भी लोगों का बचेगा। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि नालों में सीवर नहीं बहाया जा सकेगा। नालों में सिर्फ घरों में इस्तेमाल करने वाला पानी ही जाएगा।
गृहकर तय करना होगा आसान
इस प्रक्रिया से हाउस टैक्स का भी निर्धारण आसान हो जाएगा। हर कनेक्शनधारक की प्रोफाइल ऑनलाइन होने के कारण आसानी से यह पता लग सकेगा कि कौन लोग टैक्स नहीं दे रहे हैं। अगर हाउस टैक्स नहीं मिल रहा तो नगर निगम ऐसे लोगों को इस दायरे में लाएगा। इसके अलावा शासन को यह पता चल सकेगा कि कितने लोगों के पास सीवर और वाटर के कनेक्शन हैं।

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