प्रदेश में अमेरिका, जापान, इंग्लैंड और सऊदी अरब जैसे विकसित देशों की तरह सूबे के लोगों का प्रोफाइल ऑनलाइन कर एक प्लेटफॉर्म पर लाने की तैयारी है। स्थानीय निकाय निदेशालय द्वारा तैयार की गई रूपरेखा को अमल में लाने की कवायद हो चुकी है। जिसके तहत प्रदेश के हर घर में हर कनेक्शनधारक की अलग-अलग प्रोफाइल और यूनिक आईडी बनेगी। आपके नाम से कनेक्शन होगा तो यह भी दिया जाएगा कि घर में कितने सदस्य हैं और उनके नाम क्या हैं। निदेशक डॉ. काजल ने जल निगम को इस संबंध में निर्देश दे दिया है।
जल निगम को यह प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा गया है। योजना के मुताबिक अब यूनिक आईडी से ही सीवर और वाटर टैक्स का भुगतान होगा। वेब पोर्टल पर हर कनेक्शनधारक का प्रोफाइल तैयार करने की जिम्मेदारी सीएसओ डॉट आसान की होगी जो एनजीओ है। शासन ने इसे एजेंसी के रूप में कार्य करने के लिए अधिकृत किया है।
इस योजना के तहत हर हाल में कनेक्शन लेना ही होगा और सारे कनेक्शन मुफ्त होंगे। जल निगम का दायित्व होगा कि मैनहोल से घरों को कनेक्ट करने के लिए सीधे टॉयलेट तक पाइप ले जाएं। सेनेटरी पाइप पर होने वाला खर्च भी लोगों का बचेगा। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि नालों में सीवर नहीं बहाया जा सकेगा। नालों में सिर्फ घरों में इस्तेमाल करने वाला पानी ही जाएगा।
इस प्रक्रिया से हाउस टैक्स का भी निर्धारण आसान हो जाएगा। हर कनेक्शनधारक की प्रोफाइल ऑनलाइन होने के कारण आसानी से यह पता लग सकेगा कि कौन लोग टैक्स नहीं दे रहे हैं। अगर हाउस टैक्स नहीं मिल रहा तो नगर निगम ऐसे लोगों को इस दायरे में लाएगा। इसके अलावा शासन को यह पता चल सकेगा कि कितने लोगों के पास सीवर और वाटर के कनेक्शन हैं।