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शादी अनुदान फर्जीवाड़ा में हुई बड़ी कार्रवाई, सदर तहसील की महिला लिपिक निलंबित

locationकानपुरPublished: Mar 09, 2021 02:03:53 pm

Submitted by:

Arvind Kumar Verma

इसके पूर्व दो लेखपालों को भी निलंबित किया जा चुका है। वहीं पांच अपात्रों पर भी मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है।

शादी अनुदान फर्जीवाड़ा में हुई बड़ी कार्रवाई, सदर तहसील की महिला लिपिक निलंबित

शादी अनुदान फर्जीवाड़ा में हुई बड़ी कार्रवाई, सदर तहसील की महिला लिपिक निलंबित

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
कानपुर. सरकार द्वारा गरीब कन्याओं की शादी के लिए दिए जाने वाले शादी अनुदान (Shadi Anudan) में बड़ा फर्जीवाड़ा (Shadi Anudan Farjivada) सामने आया है। जिसकी जांच में अब कानपुर के सदर तहसील की महिला लिपिक (Mahila Lipik Nilambit) पर गाज गिरी है। महिला लिपिक सुषमा कुरील पर अपात्रों को गलत तरीके से पात्रता सूची में शामिल करने का आरोप है। इसके चलते जिलाधिकारी (DM Kanpur) ने महिला लिपिक पर निलंबन की कार्रवाई की है। इसके पूर्व भी दो लेखपालों को भी निलंबित किया जा चुका है। वहीं पांच अपात्रों पर भी मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है। फिलहाल इस फर्जीवाड़ा मामले की जांच एसीएम दो अमित राठौर को दी गई है। इस मामले में 2230 फार्मों की जांच के लिए 50 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी दो दिन में अपनी रिपोर्ट देगी।
दरअसल मुंशीपुरवा की रहने वाली किरन की पुत्री नव्या 11 वर्ष की है, लेकिन उसके नाम शादी अनुदान के लिए फार्म भरा गया। इसी तरह काहू कोठी की नैंसी सोनी अविवाहित है, लेकिन उनकी पुत्री के रूप में लक्ष्मी सोनी नाम से फार्म भरा गया था। इन दोनोंं फार्म को लेखपाल ने पात्र घोषित कर दिया था। बर्रा-8 की रजनी और उनके पति प्रदीप के अलावा श्याम नगर के ओमप्रकाश दीक्षित को भी अपात्र होने के बावजूद पात्र घोषित किया गया। इसी तरह 85 आवेदन पत्र समाज कल्याण विभाग को भेजे गए थे। जांच में पता चला कि ये फाइलें तहसील के रजिस्टर में दर्ज नहीं थीं। लेखपाल लक्ष्मी नारायण पांडेय, विजय कुमार को निलंबित कर उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया था। सोमवार को डीएम आलोक तिवारी ने लिपिक सुषमा पर भी निलंबित की कार्रवाई की।

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