दरअसल मुंशीपुरवा की रहने वाली किरन की पुत्री नव्या 11 वर्ष की है, लेकिन उसके नाम शादी अनुदान के लिए फार्म भरा गया। इसी तरह काहू कोठी की नैंसी सोनी अविवाहित है, लेकिन उनकी पुत्री के रूप में लक्ष्मी सोनी नाम से फार्म भरा गया था। इन दोनोंं फार्म को लेखपाल ने पात्र घोषित कर दिया था। बर्रा-8 की रजनी और उनके पति प्रदीप के अलावा श्याम नगर के ओमप्रकाश दीक्षित को भी अपात्र होने के बावजूद पात्र घोषित किया गया। इसी तरह 85 आवेदन पत्र समाज कल्याण विभाग को भेजे गए थे। जांच में पता चला कि ये फाइलें तहसील के रजिस्टर में दर्ज नहीं थीं। लेखपाल लक्ष्मी नारायण पांडेय, विजय कुमार को निलंबित कर उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया था। सोमवार को डीएम आलोक तिवारी ने लिपिक सुषमा पर भी निलंबित की कार्रवाई की।