वहीं फाइल स्वीकृत करने से पहले सीडीओ डॉ. महेंद्र कुमार (CDO Mahendra Kumar Kanpur) ने 23 आवेदनों की जांच कराई थी। जिसमें 5 फर्जी थे। जिसके बाद आवेदन में गड़बड़ी समझ में आई। इसके बाद बचे 175 आवेदनों की जांच शुरू की गई। जांच अंतिम दौर में है। चार अधीक्षक और दो सुपरवाइजर इसकी जांच कर रहे हैं। यह भी संदेह जताया जा रहा है कि जो शादी के कार्ड लगाए गए हैं, वो एक ही कंप्यूटर से प्रिंट करवाकर लगाए गए हैं। जांच में अभी और भी परते खुल सकती हैं। इस फर्जीवाड़े के सामने आने पर अफसर सक्रिय हो गए हैं। पारिवारिक लाभ योजना और शादी अनुदान योजना में लगातार सामने आ रहे फर्जीवाड़े को देखते हुए जिलाधिकारी आलोक तिवारी (DM Alok Tiwari Kanpur) ने भी जांच के आदेश दिए हैं।
अपर जिलाधिकारी आपूर्ति बसंत अग्रवाल को जांच अधिकारी बनाया है। डीएम ने सदर तहसील से जुड़े दो साल के आवेदनों की जांच करने को कहा है। बाकी तहसीलों के पिछले एक साल तक के आवेदनों की जांच होगी। फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद सीडीओ भी समाज कल्याण विभाग से आवेदनों की जांच करा रहे हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि एक -एक आवेदन की पूरी पारदर्शिता के साथ जांच की जाए। जिलाधिकारी ने बताया कि इस जांच रिपोर्ट के बाद जिस विभाग के अधिकारी-कर्मचारी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।