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शादी अनुदान लेने के लिए आवेदकों ने किया बड़ा फर्जीवाड़ा, जांच में 75 प्रतिशत मामले आए सामने

locationकानपुरPublished: Feb 24, 2021 12:15:06 pm

Submitted by:

Arvind Kumar Verma

175 आवेदनों की जांच में करीब 75 प्रतिशत फर्जी पाए गए हैं। आवेदनों में दर्ज पता गलत है। यहां तक कि मोबाइल नंबर भी फर्जी पाए गए हैं।

शादी अनुदान लेने के लिए आवेदकों ने किया बड़ा फर्जीवाड़ा, जांच में 75 प्रतिशत मामले आए सामने

शादी अनुदान लेने के लिए आवेदकों ने किया बड़ा फर्जीवाड़ा, जांच में 75 प्रतिशत मामले आए सामने

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
कानपुर. यूपी के कानपुर में शादी अनुदान (Shadi Anudan) आवेदन को लेकर पिछले दिनों गड़बड़ी समाने आई, जिसके बाद शादी अनुदान के आवेदनों की जांच शुरू कराई गई, जांच में बड़ा फर्जीवाड़ा (Shadi Anudan Farjivada) सामने आ रहा है। दरअसल समाज कल्याण अधिकारी (Samaj Kalyan Adhikari) अमरजीत सिंह की ओर से कराई जा रही 175 आवेदनों की जांच में करीब 75 प्रतिशत फर्जी पाए गए हैं। आवेदनों में दर्ज पता गलत है। यहां तक कि मोबाइल नंबर भी फर्जी पाए गए हैं। उन नंबरों पर जब फोन किया गया तो कोई पुणे से तो कोई गुजरात में लग रहा है। शादी अनुदान मामले को लेकर सत्यापन (Marriage Grant Enquiry) करने वाले कर्मियों की किरकिरी हो रही है। जबकि समाज कल्याण विभाग 198 शादी अनुदान के आवेदनों का पैसा जारी करने की तैयारी में था।
वहीं फाइल स्वीकृत करने से पहले सीडीओ डॉ. महेंद्र कुमार (CDO Mahendra Kumar Kanpur) ने 23 आवेदनों की जांच कराई थी। जिसमें 5 फर्जी थे। जिसके बाद आवेदन में गड़बड़ी समझ में आई। इसके बाद बचे 175 आवेदनों की जांच शुरू की गई। जांच अंतिम दौर में है। चार अधीक्षक और दो सुपरवाइजर इसकी जांच कर रहे हैं। यह भी संदेह जताया जा रहा है कि जो शादी के कार्ड लगाए गए हैं, वो एक ही कंप्यूटर से प्रिंट करवाकर लगाए गए हैं। जांच में अभी और भी परते खुल सकती हैं। इस फर्जीवाड़े के सामने आने पर अफसर सक्रिय हो गए हैं। पारिवारिक लाभ योजना और शादी अनुदान योजना में लगातार सामने आ रहे फर्जीवाड़े को देखते हुए जिलाधिकारी आलोक तिवारी (DM Alok Tiwari Kanpur) ने भी जांच के आदेश दिए हैं।
अपर जिलाधिकारी आपूर्ति बसंत अग्रवाल को जांच अधिकारी बनाया है। डीएम ने सदर तहसील से जुड़े दो साल के आवेदनों की जांच करने को कहा है। बाकी तहसीलों के पिछले एक साल तक के आवेदनों की जांच होगी। फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद सीडीओ भी समाज कल्याण विभाग से आवेदनों की जांच करा रहे हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि एक -एक आवेदन की पूरी पारदर्शिता के साथ जांच की जाए। जिलाधिकारी ने बताया कि इस जांच रिपोर्ट के बाद जिस विभाग के अधिकारी-कर्मचारी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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