scriptदुश्मनों से लड़ते हुए निकला दम पर तिरंगे की शान को नहीं होने दिया कम | Shaheed Major Salman and martyr Major Avinash Singh remember the brave | Patrika News

दुश्मनों से लड़ते हुए निकला दम पर तिरंगे की शान को नहीं होने दिया कम

locationकानपुरPublished: Aug 15, 2019 03:57:28 pm

शहीद मेजर सलमान और शहीद अविनाश सिंह की बहादुरी को नमन
अपनी जान निकलने से पहले देश के दुश्मनों को कर दिया था ढेर

major salman & major avinash singh

दुश्मनों से लड़ते हुए निकला दम पर तिरंगे की शान को नहीं होने दिया कम

कानपुर। आजादी के मतवालों ने अपनी जान देकर गुलामी को खत्म किया तो आजादी के बाद देश के रक्षकों ने भी अपना जीवन कुर्बान कर तिरंगे की शान को सलामत रखा। ऐसे ही शहर के दो सपूत थे शहीद मेजर सलमान और शहीद मेजर अविनाश सिंह। इन्होंने अदम्य साहस का परिचय देते हुए देश के दुश्मनों को धूल चटाई।
खून बहता रहा पर आतंकी को मारे बिना नहीं रुके
शहर के बाबूपुरवा इलाके में रहने वाले शहीद मेजर सलमान ने जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में ऐसी बहादुरी दिखाई, जिसे लोग आज भी याद करते हैं। बात पांच मई २००५ की है जब वहंा के एक गांव में आतंकवादी छिपे होने की खबर पर मेजर सलमान उसे दबोचने जा पहुंचे। आतंकियों ने मेजर सलमान पर हमला कर दिया। मेजर सलमान ने एक आतंकी को ढेर कर दिया, पर दूसरा भाग निकला। जब मेजर ने उसका पीछा किया तो उसने फायर झोंक दिया और पैर में गोली लगने से वह घायल हो गए। ख्ूान बहने लगा पर वे नहीं रुके और आखिरकार उन्होंने उसे भी ढेर कर दिया।
पहले सम्मान अब उपेक्षा
मेजर सलमान इस मुठभेड़ में गंभीर घायल हुए थे और उन्हें मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। पर अब उनकी उपेक्षा हो रही है। पिता मुश्ताक खान बताते हैं कि सलमान की शहादत के बाद कई अफसर मिलने तो आए और नौकरी के लिए पत्र भी आया था पर बाद में वह नौकरी किसी और को दे दी गई। दूसरी ओर सरकार ने झकरकटी बस अड्डे का नाम मेजर सलमान के नाम पर कर दिया वह वह केवल कागजों में ही सिमटकर रह गया।
आतंकी हमले का दिया मुंहतोड़ जवाब
शहर के ही मेजर अविनाश सिंह पर २८ सितंबर २००१ को कश्मीर के डोडा में चार आतंकियों ने अचानक हमला बोल दिया था। पर मेजर अविनाश ने तीन आतंकियों को ढेर कर दिया और चौथे को अधमरा कर दिया। पर इस हमले में मेजर भी शहीद हो गए थे। बर्रा बाईपास पर लगी मेजर अविनाश की प्रतिमा हमें उनकी बहादुरी की याद दिलाती है। शहरवासियों को इन पर गर्व है।
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