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कानपुर

राजा भाईया के घर को लूट कर बनना चाहते थे डॉन,मंत्री महाना को धमकी देने के बाद क्रिमिनल गिरफ्तार

कानपुर के व्यापारियों के अलावा मंत्री के भाई से मांगी रंगदारी, पुलिस ने मामला दर्ज कर दोनों शातिरों को किया अरेस्ट, पूछताछ में किए कई खुलासे
 

कानपुरJul 26, 2018 / 06:23 pm

Vinod Nigam

sharp minded criminal arrested in kanpur in hindi news up

राजा भाईया के घर डांका डाल बनना चाहते थे बाहुबली, मंत्री महाना को धमकी देने के बाद हत्थे लगे अपराधी

कानपुर। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की पार्टी के जिलाध्यक्ष से 50 लाख, बर्रा के कारोबारी से पांच तो दो प्रतिष्ठित डॉक्टरों से भी पांच-पांच लाख के अलावा कैबिनेट मंत्री सतीश महाना के भाई से दो लाख की रंगदारी मांगने वाले अपराधियों को कानुपर पुलिस ने अरेस्ट कर लिया। पुलिस की पूछताछ के दौरान आरोपियों ने कई सनसनी खेज खुलासे किए। । आरोपी कुंडा के विधायक राजा भईया के घर में डांका डाल कर वहां अपनी बादशहत कायम करना चाहते थे और इसके लिए उन्होंने वहां कई दिन गुजारे। इतना ही नहीं बदामशों ने 18 जुलाई को प्रतापगढ़ के ज्ञान प्रकाश एंड संस ज्वैलर्स के मालिक मनीष और छिबरामऊ के हरिओम ज्वैलर्स के मालिक हरिओम से एक लाख की रंगदारी भी मांगी थी। पर मंत्री के साथ पंगा लेना महंगा पड़ गया और एसपी पूर्वी अनुराग आर्या की टीम ने उन्हें दबोच लियर।
हरजेंदर नगर से अरेस्ट किया
एसपी पूर्वी अनुराग आर्या ने बताया कि 18 जुलाई को बर्रा विश्वबैंक जे-सेक्टर निवासी सराफ घनश्याम गुप्ता से दो लाख और लालबंगला निवासी कैबिनेट मंत्री के चचेरे भाई चेतन महाना से फोन पर एक लाख रुपये रंगदारी मांगी गई थी। मामले में एसएसपी की स्वॉट टीम, चकेरी और बर्रा पुलिस को खुलासे के लिए लगाया गया। सर्विलांस की मदद से पुलिस फरीदाबाद पहुंची। यहां मोहम्माबाद के असमापुर गांव निवासी सत्येंद्र सिंह यादव और मास्टर माइंड मैनपुरी के बजेरा गांव के विशाल वैश्य के बारे में पता चला। पुलिस के मुताबिक वहां से दोनों के कानपुर में होने की जानकारी हुई। मंगलवार को दोनों को हरजेंदर नगर चौराहे से गिरफ्तार किया गया। इनके पास से पांच मोबाइल फोन, दो तमंचे और चोरी की बाइक भी बरामद हुई।
गूगल के जरिए जुटाते थे जानकारी
एसपी पूर्वी अनुराग आर्या ने बताया कि गैंग का मास्टर मांइड विशाल है। और वो गूगल की मदद से कानपुर समेत कई जिलों के डॉक्टर, ज्वैलर्स और कारोबारियों को निशाने पर ले रखा था। रंगदारी नहीं देने वालों पर जानलेवा हमला भी करवाते था। मंगलवार को दोनों चेतन महाना पर हमला करने की फिराक में भी थे। तभी पुलिस ने मामला दर्ज कर इनकी तलाश के लिए टीमें लगा दीं। आरोपियों के नंबर सर्विलांस में लिए गए। नबंर के जरिए पुलिस की एक टीम इनके घर पहुंची और आरोपियों के बारे में पूछताछ की। पुलिस को सटीक जानकारी मिलते ही दूसरी टीम ने इन्हें हरजेंदर नगर में घेर लिया और धरदबोचा और एक बड़ी वारदात को होने से बचा लिया।
ऐसे पुलिस की रडार में चढ़े
दाउद-मुन्ना बजरंगी ने के नाम से मांगी रंगदारी
म्ांत्री महाना के भाई को आरोपियों ने जो खाता नंबर दिया, पुलिस ने उसकी जांच पड़ताल की तो वो विशाल वैश्य का निकला। अधार कार्ड के जरिए उसका पता ठिकाना खोजा और घर में जाकर पुलिस ने दबिश दी जहां से उसके कानपुर वाले ठिकानें के बारे में पुलिस को जानकारी मिली। पकड़े गए ओरोपी पकड़े गए दोनों अपराधी इतने शातिर थे कि लोगों को धमकाने-डराने के लिए अपने मोबाइन नंबर को टू कॉलर पर मुन्ना बजरंगी, दाउद समेत अन्य बड़े अपराधियों के नामों से सेव कर रखा था, जिससे की रंगदारी के दौरान लोग उनसे डरें और आसानी से मांगी गई रकम पहुंचाएं। इतना ही नहीं मुख्तार के अलावा कानपुर के बड़े अपराधियों के नाम से भी आरोपी रंगदारी मांगते थे।
रंगदारी नहीं मिलने पर करते थे हमला
एसपी पूर्वी अनुराग आर्या ने बताया कि मास्टरमाइंड विशाल बीएससी करने के बाद एक जनरेटर कंपनी में नौकरी करने लगा था। कुछ समय नौकरी छोड़कर एसएस पॉवर सल्यूशन नाम से साइट बनाई। पुराने जनरेटर खरीदने-बेचने के नाम पर लूट करता था। उसने बताया कि सात जून को जयपुर के कारोबारी आशीष अग्निहोत्री को 30 लाख का 250केवीए का जनरेटर छह लाख में देने का झांसा देकर बेवर, मैनपुरी बुलाया। इसके बाद तमंचे के बल पर उनसे करीब दो लाख रुपये लूट लिए। इसी तरह 10 जून को जनरेटर कारोबारी संदीप तिवारी से 55 हजार रुपये लूटे। एक लूट के दौरान क्रास फायरिंग में विशाल घायल भी हुआ था। इसके बाद से विशाल रंगदारी मांगने लगा। कुछ मामलों में सफल भी रहा। एसपी के मुताबिक आरोपी रंगदारी नहीं देने पर जानलेवा हमला करवा उन्हें डराते थे।
बहुबली बन करना चाहते थे राज
एसपी पूर्वी ने बताया कि विशाल प्रोफाइल तैयार करने के साथ ही फोन करके रंगदारी मांगता था। जो देने में आनाकानी करता, उसकी रेकी करके सत्येंद्र के जरिए हमला करवाता था। विशाल मैनपुरी के बेवर थाने से 2017 में लूट और माल बरामदगी में जेल जा चुका है। इसके बाद वह परिवार समेत फरीदाबाद में जाकर रहने लगा था। फिर विशाल ने सतेंद्र को फरीदाबाद बुलाया और प्रतापगढ़ में अपना ठिकाना बना लिया। यहां पर कई व्यापारियों को ढारा धमका कर रंगदारी मांगी। साथ ही लूटपाट की भी घटनाओं को अंजाम दिया। पुलिस इनके गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में जानकारी जुटा रही है। पूछताछ में दोनों आरोपियों ने बताया कि वो मुख्तार, मुन्ना बजरंगी, दाउद इब्राहीम और राजा भाईया के जैसे बाहुबली बनना चाहते थे और इसी के कारण कानपुर व प्रतापगढ़ को अपना ठिकाना बनाया।

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