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मुलायम के इस करीबी नेता ने किया ऐलान, अब सपा-प्रसपा का नहीं होंगा मिलन

locationकानपुरPublished: Nov 26, 2019 01:04:30 am

Submitted by:

Vinod Nigam

पूर्वमंत्री शिवकुमार बेािरया ने कहा कि अखिलेश के गठबंधन से इंकार के बाद प्रसपा अन्य दलों के साथ गठबंधन कर लड़ेगी चुनाव, भाजपा को सत्ता से करेगी बाहर।

मुलायम के इस करीबी नेता ने किया ऐलान, अब सपा-प्रसपा का नहीं होंगा मिलन

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कानपुर। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के वरिष्ठ नेता व पूर्वमंत्री शिवकुमार बेरिया ने लोगों को ठंड से बचाने के लिए कंबल वितरित किए। साथ ही जनपद में डेंगू से हो रही मौतों के पीछे शासन-प्रशासन को जिम्मेदार बता सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ से ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इसबीच उन्होंने अखिलेश यादव के साथ पार्टी के विलय पर साफ इंकार कर दिया और कहा कि सैकड़ों कार्यकर्ता 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रसपा को जिताएंगे और शिवपाल यादव को सूबे का अलग मुख्यमंत्री बनाएंगे। अब सपा व प्रसपा के एक होने के सारे रास्ते बंद हो गए हैं।

दूसरे दलों से करेंगे गठबंधन
मुलायम सिंह यादव के सबसे करीबी रहे पूर्वमंत्री शिवकुमार बेरिया ने समाजवादी पार्टी के साथ प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के गठबंधन से साफ तौर पर इंकार कर दिया। पूर्वमंत्री ने कहा कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पुरानी बातों को भुलाकर अखिलेश यादव को दूसरी बार यूपी का मुख्यमंत्री बनाए जाने का ऐलान किया था। पर सपा प्रमुख ने उनकी बातों पर गौर नहीं किया और 2022 में गठबंधन के बजाए अकेेले चुनाव के मैदान में उतरने की बात कही। इसी के चलते अब प्रसपा सपा के बजाए अन्य दलों के साथ गठबंधन कर भाजपा को सत्ता से बाहर करेगी।

शिवपाल यादव जमीनी नेता
पूर्वमंत्री शिवकुमार बेरिया ने कहा कि प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल यादव जमीनी नेता हैं। उन्होंने हमसब के साथ समाजवादी पार्टी की नींव रखी। पार्टी को गांव-गांव, घर-घर तक पहुंचाया। 2012 का विधानसभा चुनाव शिवपाल यादव के नेतृत्व में लड़ा गया। पहली बार समाजवादी पार्टी के पूर्ण बहुमत की सरकार बनीं। शिवपाल यादव ने आगे आकर युवा अखिलेश यादव को सीएम बनाए जाने की बात मुलायम सिंह से की। पर सत्ता में आने के बाद अखिलेश यादव कुछ लोगों के बहकावे में आ गए और पुरानें समाजवादियों की पार्टी में अपमानित किया जाने लगा।

फिर पार्टी बनाई
शिवकुमार बेरिया कहते हैं कि डेढ़ साल तक शिवपाल यादव समाजवादी पार्टी में रहकर अपमान का घूंट पीते रहे। उन्हें उम्मीद थी कि शायद अखिलेश यादव उनकी बात मानकर पार्टी के पक्ष में निर्णय लें, पर ऐसा हुआ नहीं। पार्टी को हाईजेक कर लिया गया। इसी से आहत होकर शिवपाल यादव ने पुराने समाजवादियों के साथ प्रसपा का गठन किया। प्रसपा यूपी के सभी जिलों तक पहुंच चुकी है। पार्टी के पास अन्य दलों के मुकाबले बड़ा संगठन है। हमें उममीद है कि 2022 के चुनाव में जनता प्रसपा को वोट देकर शिवपाल यादव को मजबूत करेगी।

आज भी मुलायम सिंह हमारे नेता
पूर्वमंत्री ने कहा कि मुलायम सिंह यादव ( नेता जी) प्रसपा के नेता हैं और उनके आर्शीवाद से पार्टी आगे बढ़ रही है। शिवकुमार बेरिया ने कहा कि समाजवादी पार्टी में एक भी पुराना नेता नहीं बचा। अधिकतर अपमान से आहत होकर प्रसपा में शामिल हो रहे हैं। जल्द ही एक कद्दावर नेता पार्टी की सदस्यता लेगा। शिवकुमार बेरिया ने कहा कि हमसब चाहते थे कि अखिलेश यादव दूसरी बार प्रदेश की बागडोर संभालें। प्रसपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ें। लेकिन उन्होंने अकेले चुनाव में उतरने का मन बनाया है। ऐसे में हमारे पास भी अन्य विरोधी दलों के साथ मिलकर चुनाव में उतरने का रास्ता बचा है।

कौन हैं शिवकुमार बेरिया
पूर्व मंत्री शिवकुमार बेरिया सपा संरक्षक एवं पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के करीबी नेताओं में से एक हैं। वे पांच बार विधायक रहने के साथ ही वे अखिलेश यादव की सरकार में कैबिनेट मंत्री भी बने। उन्हें समाजवादी पार्टी में अनुसूचित जाति का प्रमुख चेहरा माना जाता रहा है। पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवकुमार बेरिया पहली बार 1989 में जनता दल से सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने थे। इ 1991, 1993 और 2002 में बिल्हौर सीट और 2012 में रसूलाबाद सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर जीते। 2012 में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया था। सपा के कद्दावर नेताओं में शिवकुमार बेरिया की गिनती होती रही है।

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