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पूर्व कैबिनेट मंत्री ने अभी किसी भी अन्य पार्टी में जाने से किया इनकार, बोले अखिलेश यादव के कान भरे गए

locationकानपुरPublished: Dec 09, 2018 03:42:23 pm

Submitted by:

Arvind Kumar Verma

मुलायम सिंह जी के साथ मैनें साथ ही अन्य कुछ लोगों ने सपा पार्टी की स्थापना की थी। आज हम अपने ही घर से निकाल दिए गए हैं। फिलहाल उन्होंने अभी किसी भी दल में जाने से इनकार किया है।

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पूर्व कैबिनेट मंत्री ने अभी किसी भी अन्य पार्टी में जाने से किया इनकार, बोले अखिलेश यादव के कान भरे गए

कानपुर देहात-खजांची के जन्मदिन के अवसर पर समाजवादी पार्टी में एक नई उथल पुथल हो गयी। इस मौके पर पार्टी नीतियों के खिलाफ गतिविधियों में संलिप्तता पाये जाने की बात पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने सपा के पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं वरिष्ठ नेता शिव कुमार बेरिया को पार्टी से 6 साल के लिए निकाल दिया गया। वहीं कानपुर देहात के झींझक नगर में पहुंचे शिव कुमार बेरिया ने कार्यकर्ताओं के साथ वार्ता बैठक की। यहां उन्होंने कहा कि पार्टी के अंदरखाने पिछले डेढ़ साल से उनके खिलाफ सपा सुप्रीमो के कान भरे जा रहे थे और मेरे खिलाफ षणयंत्र रचा जा रहा था। इस वजह से उन्हें पार्टी से बाहर करने की कार्यवाही की गई है।
उन्होंने कहा पार्टी में साजिश रचने वाले वे लोग हैं, जिनकी समाजवादी पार्टी में कोई सुनवाई नही हो रही है। पार्टी से निकलने के बाद उनके किसी अन्य राजनीतिक पार्टी में जाने की चर्चा पर उन्होंने कहा कि मैं जनसेवक हूँ और अपने कार्यकर्ताओं की सहमति के बिना अभी कोई फैसला नहीं ले सकता हूँ। अगर मेरी कोई गलती थी तो सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जी एक बार गलतियों के बारे में अवगत तो कराते लेकिन उन्होंने न कभी बताया और न ही कभी किसी बात का जिक्र किया। बस एकाएक इस तरह पार्टी से निकाल दिया जैसे किसी मल्टी नेशनल कंपनी के सीईओ हो और मैं कंपनी का कोई मजदूर हूँ। आगे बोले कि राजनीति में ऐसा कभी नही होता है।
इस बीच खजांची के जन्मदिन को लेकर कहा कि मैं तो वहां गया भी नही था और न ही किसी को भेजा था। कुछ लोग खजांची के गांव रांत में गए थे और खजांची को उठाने के प्रयास में पकड़े गए। फिर क्षत्रियों के गांव में पिटाई की गई। इस तरह की हरकतें करने वाले ऐसे लोग राष्ट्रीय अध्यक्ष का अपमान करा रहे हैं। इन लोगों पर कार्यवाही होनी चाहिए थी, लेकिन कार्यवाही हम पर की गई। 1991 में मुलायम सिंह जी के साथ मैनें साथ ही अन्य कुछ लोगों ने सपा पार्टी की स्थापना की थी। आज हम ही अपने घर से निकाल दिए गए हैं। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं से चलती है। अगर हमारे कार्यकर्ता कहते हैं कि सन्यास ले लो तो हम सन्यास भी ले लेंगे और अगर कार्यकर्ता कहेंगे कि चुनाव मैदान में आओ तो चुनाव मैदान में उतरेंगे। कार्यकर्ता कहेंगे कि निर्दलीय लड़ो तो वही होगा। फिलहाल उन्होंने अभी किसी भी दल में जाने से इनकार किया है।
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