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शिवपाल यादव ने अखिलेश के खिलाफ बुना जाल, सियासी जंग के मैदान में तब्दील होगा कन्नौज

locationकानपुरPublished: Sep 16, 2018 09:45:57 am

Submitted by:

Vinod Nigam

अपने घर में पदाधिकारियों के साथ की बैठक, यूपी की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का किया ऐलान

Shivpal Singh Yadav big plan against Akhilesh Yadav Samajwadi Party

शिवपाल यादव ने अखिलेश के खिलाफ बुना जाल, सियासी जंग के मैदान में तब्दील होगा कन्नौज

कानपुर। समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व सेक्युलर मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल यादव अब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ वार करना शुरू कर दिया है। चाचा और भतीजे का राजनीतिक भविष्य 2019 लोकसभा चुनाव पर टिका हुआ है। इसी के चलते पूर्व मंत्री अब अपने मोर्चे का विस्तार कर अखिलेश यादव के सताए सपाईयों को अपने साथ लाने का प्रयास कर रहे हैं। जल्द ही एक पूर्व सांसद व एक राज्यसभा सांसद शिवपाल के कुनबे की शोभा बढ़ाते हुए नजर आ सकते हैं। साथ ही कानपुर-बुंदेलखंड के एक दर्जन से ज्यादा पूर्व विधायक भी शिवपाल के संपर्क में हैं और चुनाव के वक्त वो अपने कार्यकर्ताओं के साथ सेक्युलर मोर्चा में शामिल होंगे। वहीं शिवपाल यादव सियासी जंग में अखिलेश को कन्नौज में घेरना का जाल बुन रहे हैं। वो हर हालत में यहां से भतीजे को चुनाव में मात देने के लिए लगे हुए हैं। शिवपाल फैन्स एसोसिएशन के एक पदाधिकारी ने बताया कि हमने पूर्व मंत्री से मांग की है कि वो कन्नौज से आदित्य यादव को चुनाव के मैदान में उतारें। जिस पर अभी उनकी तरफ से कोई आदेश नहीं मिला।

पौने चार लाख यादव वोटर्स
कन्नौज लोकसभा सीट पर करीब पौने चार लाख यादव तीन लाख मुस्लिमों के अलावा डेढ़ लाख कुर्मी वोटर्स हैं जो पिछले कई दशक से मुलायम सिंह के परिवार को वोट करते आ रहे हैं। साथ ही इसी सीट से राममनोहर लोहिया ने चुनाव में उतर कर राजनीति में इंट्री की थी। उनके बाद मुलायम सिंह यहां से चुनाव लड़े और सांसद चुने गए। मुलायम ने अपने बेटे अखिलेश के खातिर कन्नौज छोड़ मैनपुरी से चुनाव लड़ा। अखिलेश यहां से सांसद चुने गए और 2012 में मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने इस सीट से पत्नी डिम्पल को चुनाव के मैदान में उतारा। 6 साल से डिम्पल यहां से सांसद हैं। अब इस सीट पर शिवपाल यादव की नजर टिक गई है। उनके समर्थक चाहते हैं कि आदित्य यादव को लोहिया के गढ़ से चुनाव के मैदान में उताकर अपनी सियासी ताकत का एहसास अखिलेश यादव को शिवपाल कराएं। जिस पर पूर्व मंत्री ने अमल करना भी शुरू कर दिया है।

मुलायम को साधने में लगे हैं शिवपाल
शिवपाल यादवइ स वक्त जहां अखिलेश यादव को घेर रही हैं तो दूसरी तरफ अपने बड़े भाई मुलायम सिंह को साधने में लगे हुए हैं। इसी के चलते उन्होंने इटावा में कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान मोर्चा मुलायम सिंह यादव को मैनपुरी से चुनाव लड़ाएगा। साथ ही मुलायम सिंह को मोर्चे का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने की भी बात कही है। जानकारों की मानें तो शिवपाल यादव भलीभांति जानते हैं कि प्रदेश में आज भी लोग मुलायम सिंह के नाम पर सपा को वोट देता है। यादव, किसान, मजदूर, गरीब, मुस्लिम और पिछड़े वर्ग के वोटर्स मुलायम को अपना नेता मानते हैं और वो जिसकी तरफ रहेंगे उसका पलड़ा भारी रहेगा। विधानसभा चुनाव 2017 में मुलायम सिंह यादव अपने को प्रचार से दूर रखा और जिसका नतीजा यह रहा कि यूपी में सपा बुरी तरह से पराजित हो गई।

सपा-बसपा के समक्ष रखा प्रस्ताव
अखिलेश यादव पर सियासी दबाव बनाने के लिए शिवपाल यादव ने सपा-बसपा के गठबंधन में सेक्युलर मोर्चा को शामिल करने की मांग रखी है। शिवपाल ने कि जो लोग उनके भाजपा के करीब जाने का आरोप लगा रहे हैं, वह क्यों नहीं उन्हें गठबंधन में शामिल होने के लिए बुलाते हैं। शिवपाल ने कहा कि उनकी यह मुहिम नेताजी के आशीर्वाद से ही चल रही है और वह इस पर नेताजी से कई बार बात कर चुके र्हैं। उन्होंने दावा कि आने वाले लोकसभा चुनाव में उनके मोर्चे को बीस से तीस सीटें मिल सकती हैं। शिवपाल के इस बयान को राजनीतिक जानकार उकनी सोचीं समझी रणनीति का हिस्सा मानते हैं। मुलायम के मित्र व रिटायर्ड टीचर बंशलाल कहते हैं कि शिवपाल यूपी की जनता के पास यह पैगाम पहुंचाना चाहते हैं कि वो बीजेपी के साथ नहीं हैं और वो सपा के उपेक्षा के चलते नया दल बनाया है।

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