पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सन् 1984 में बड़े पैमाने पर गंगा पूरे देश में हुआ था। जिसमें बड़ी संख्या में सिखों का नरसंहार हुआ था। कानपुर में हुए दंगे को लेकर एसआईटी का गठन किया गया था। जिसमें पुनः विवेचना के भी आदेश हुए थे। पुनः विवेचना के दौरान 11 मामलों में अब तक 60 आरोपियों की पहचान हुई है। सिख विरोधी दंगों की जांच के लिए बनाई गई एसआईटी के डीजी मुख्यमंत्री से मुलाकात कर दंगाइयों के गिरफ्तारी के विषय में बातचीत हुई।
आदेश मिलते ही शुरू हो जाएगी गिरफ्तारी
दंगाइयों में पूर्व मंत्री का भतीजा सहित अन्य कई ऐसे नाम है। जो समाज में प्रतिष्ठित हो चुके हैं। जिनके खिलाफ सबूत और गवाह दोनों हैं। बताया जाता है गिरफ्तारी की मंजूरी मिलते ही कागजी कार्रवाई पूरी कर ली जाएगी और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इसी क्रम में एसआईटी ने शासन को पत्र भेजकर 6 महीने का कार्यकाल और बढ़ाए जाने की मांग की है।