मांग के साथ बढ़ा नकली सिल्क का कारोबार
जैसे-जैसे बाजार में सिल्क के कपड़ों की मांग बढ़ रही है, वैसे ही नकली सिल्क का कारोबार भी बढ़ रहा है। इसमें चीन से आने वाला नकली सिल्क सबसे ज्यादा मात्रा में ग्राहकों को बेचा जा रहा है। आम ग्राहक असली और नकली चाइनीज सिल्क में फर्क नहीं कर पाता, इसलिए उसे ठगा जा रहा है। इसे देखते हुए सेंट्रल सिल्क बोर्ड ‘सिल्क मार्क’ लाया है। यह उसी तरह है जैसे सोने की शुद्धता की पहचान के लिए हालमार्क। ‘सिल्क मार्क’ नेनो टेक्नोलॉजी युक्त टैग है जो असली और नकली की पहचान कराएगा।
जैसे-जैसे बाजार में सिल्क के कपड़ों की मांग बढ़ रही है, वैसे ही नकली सिल्क का कारोबार भी बढ़ रहा है। इसमें चीन से आने वाला नकली सिल्क सबसे ज्यादा मात्रा में ग्राहकों को बेचा जा रहा है। आम ग्राहक असली और नकली चाइनीज सिल्क में फर्क नहीं कर पाता, इसलिए उसे ठगा जा रहा है। इसे देखते हुए सेंट्रल सिल्क बोर्ड ‘सिल्क मार्क’ लाया है। यह उसी तरह है जैसे सोने की शुद्धता की पहचान के लिए हालमार्क। ‘सिल्क मार्क’ नेनो टेक्नोलॉजी युक्त टैग है जो असली और नकली की पहचान कराएगा।
चार तरह के सिल्क
असली सिल्क चार तरह का होता है। मलबरी, टसर, एरी और मूंगा। जबकि नकली सिल्क नायलान और रेयान से बनाया जाता है। सिल्क बोर्ड के मुताबिक, बाजार में सिल्क के नाम पर बिकने वाला हर तीसरा कपड़ा नकली है। असली सिल्क की सतह का रंग प्रकाश के कोण के साथ बदलता हुआ दिखता है? हालांकि, अगर सिल्क नकली है तो आप इसे किसी भी तरफ से देखें ये एक सफेद सी चमक देगी। आप बर्न टेस्ट भी कर सकती हैं। सिल्क को जलाने पर जले हुए बालों की गंध आए तो समझ जाइए की सिल्क असली है।
नैनो टेक्नोलॉजी से नहीं होगी धोखाधड़ी
सिल्क को लेकर होने वाली धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिए प्रत्येक असली सिल्क की साड़ी या मैटेरियल पर ‘सिल्क मार्क’ की मुहर लगी होगी। देश के दस शहरों में सिल्क मार्क ऑफिस बने हैं। दिल्ली, वाराणसी, श्रीनगर, मुंबई सहित दक्षिण और पूर्वोत्तर के शहर हैं। इसके अलावा ग्राहक कोड नंबर को सिल्क मार्क की वेबसाइट पर जाकर चेक कर सकते हैं। संदेह होने पर सिल्क ऑफिस जाकर टेक्सटाइल की जांच भी करा सकते हैं। इतना ही नहीं आप जिस व्यापारी से सिल्क के कपड़े खरीद रहे हैं उसकी पूरी जानकारी भी ‘सिल्क मार्क’ की वेबसाइट पर एक क्लिक में मिल जाएगी। ग्राहकों को पूरी सावधानी रखनी होगी।
असली सिल्क चार तरह का होता है। मलबरी, टसर, एरी और मूंगा। जबकि नकली सिल्क नायलान और रेयान से बनाया जाता है। सिल्क बोर्ड के मुताबिक, बाजार में सिल्क के नाम पर बिकने वाला हर तीसरा कपड़ा नकली है। असली सिल्क की सतह का रंग प्रकाश के कोण के साथ बदलता हुआ दिखता है? हालांकि, अगर सिल्क नकली है तो आप इसे किसी भी तरफ से देखें ये एक सफेद सी चमक देगी। आप बर्न टेस्ट भी कर सकती हैं। सिल्क को जलाने पर जले हुए बालों की गंध आए तो समझ जाइए की सिल्क असली है।
नैनो टेक्नोलॉजी से नहीं होगी धोखाधड़ी
सिल्क को लेकर होने वाली धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिए प्रत्येक असली सिल्क की साड़ी या मैटेरियल पर ‘सिल्क मार्क’ की मुहर लगी होगी। देश के दस शहरों में सिल्क मार्क ऑफिस बने हैं। दिल्ली, वाराणसी, श्रीनगर, मुंबई सहित दक्षिण और पूर्वोत्तर के शहर हैं। इसके अलावा ग्राहक कोड नंबर को सिल्क मार्क की वेबसाइट पर जाकर चेक कर सकते हैं। संदेह होने पर सिल्क ऑफिस जाकर टेक्सटाइल की जांच भी करा सकते हैं। इतना ही नहीं आप जिस व्यापारी से सिल्क के कपड़े खरीद रहे हैं उसकी पूरी जानकारी भी ‘सिल्क मार्क’ की वेबसाइट पर एक क्लिक में मिल जाएगी। ग्राहकों को पूरी सावधानी रखनी होगी।
टर्नओवर के हिसाब से देनी होगी फीस
‘सिल्क मार्क’ लेने के लिए व्यापारियों से फीस उनके कारोबार के लिहाज से तय की गई है। जिन व्यापारियों का कारोबार सालाना 50 लाख रुपये तक है, उन्हें पांच साल के लिए 5900 रुपये फीस देना होगी। एक करोड़ के कारोबार तक 11,800 रुपये और इससे ऊपर के लिए 17,700 रुपये पांच साल की फीस है। हैंडलूम और बुनकरों को पांच साल के लिए केवल 1100 रुपये देने होंगे।
‘सिल्क मार्क’ लेने के लिए व्यापारियों से फीस उनके कारोबार के लिहाज से तय की गई है। जिन व्यापारियों का कारोबार सालाना 50 लाख रुपये तक है, उन्हें पांच साल के लिए 5900 रुपये फीस देना होगी। एक करोड़ के कारोबार तक 11,800 रुपये और इससे ऊपर के लिए 17,700 रुपये पांच साल की फीस है। हैंडलूम और बुनकरों को पांच साल के लिए केवल 1100 रुपये देने होंगे।