दीपावली के बाद भइया दूज पर माती जेल में निरुद्ध भाइयों को राखी बांधने के लिए बड़ी संख्या में महिलाओं ने सुबह से जेल गेट पर डेरा जमा लिया था। उनके साथ परिजन भी मुलाकात के लिए आए थे। शुक्रवार को जेल गेट पर मेले जैसा नजारा दिखा।मुलाकात के लिए घंटों लंबी-लंबी लाइनें लगाने के बाद बारी आई। जेल अधीक्षक अरुण प्रताप सिंह ने बताया कि जेल में निरुद्ध 20 महिला बंदियों से रोचना करवाने आए उनके भाइयों की पहले मुलाकात कराई गई। इसके बाद मुख्य द्वार के पास बंदियों की बहनों से मुलाकात शुरू हुई। बहनों ने नम आंखों के बीच बंदियों को रोचना कर मिठाई खिलाई।
भावुक माहौल में बहन-भाइयों की मुलाकात का क्रम दोपहर बाद तक चला। जेल अधीक्षक ने बताया कि यहां निरुद्ध 1315 बंदियों में 20 महिलाओं के अलावा 752 पुरुष बंदियों से रोचना करवाने आए 1294 लोगों व महिलाओं की मुलाकात कराई गई। इस मौके पर जेलर कुश कुमार सिंह, डिप्टी जेलर रणंजय सिंह, राजेश राय, श्रीमती मिथलेश सिंह आदि मौजूद रहे। उन्होने बताया कि भीड़ के मद्देनजर जेल गेट पर एक सब इंस्पेक्टर के अलावा 10 महिला आरक्षी व दस सशस्त्र पुरुष आरक्षियों की ड्यूटी भी लगाई गई है।