बेटे की गवाही पर अपर सत्र न्यायाधीश अनिरुद्ध कुमार तिवारी ने पिता को दोषी करार देते हुए उम्रकैद और दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
बेटे की सामने मां को उतारा मौत के घाट
बेटे की सामने मां को उतारा मौत के घाट
मामला बेगमपुरावा का है। यहां के रहने वले मुराद आलम ने 22 दिसंबर 2012 को रेलबाजार थाने में तहरीर दी थी कि बहनोई ने उसकी सगी बहन की हत्या कर दुकान में अगा लगाकर भांजे को भी मार डालने की कोशिश की। पुलिस ने आरोपी मेहराज को अरेस्ट कर लिया। पांच साल तक केस की सुनवाई हुई और गुरुवार को आरोपी के बेटे ने गवाही दी। इसी के बाद जज ने पिता को उम्रकैद की सजा सुना दी। अपर शासकीय अधिवक्ता विवेक शुक्ल के मुताबिक शाहीन के बेटे नूर आलम ने बयान दिए कि रात 10-11 बजे का वक्त था।
पापा ने मम्मी को पीट रहे थे और इसी दौरान उन्होंने मम्मी के सिर को दीवार से लड़ा दिया जिससे वह जमीन पर गिर पड़ी। वह चिल्लाया तो पापा ने कहा जाकर चुपचाप सो जाओ, वर्ना तुम्हे मार डालूंगा, और फिर दुकान में आग लगा दी। मैने शोर मचाकर मदद की गुहार लगाई। लोगों ने मुझे बाहर निकाला और फिर कातिल पिता की करतूत पुलिस को बताई।
मारने की ये थी वजह मृतक के भाई मुराद आलम ने बताया कि हमने अपनी बहन की शादी 2001 में मेहराज के साथ की थी। मेहराज ने जो मांगा हमने दिया। बहन दिन में सुजातगंज स्थित ससुराल में रहती थी जबकि रात में बेगमपुरवा स्थित अपने मायके आ जाती थी। घटना वाले दिन भी शाहीन ने अपने पति मेहराज से मायके जाने के लिए पूछा तो उसने वहां जाने से रोका। बहन नहीं मानी और जाने लगी तो मेहराज अगा बबूला हो गया और उसके बाल पकड़ कर पीटने लगा। भांजे ने जब अपनी मां को बचाना चाहा तो आरोपी उसे भी जान से मारने की धमकी देकर चुपचाप रहने को कहा इसी दौरान उसने बहन का सिर दिवार में पटक कर मौत की नींद सुला दिया।
पुलिस से बचने के लिए लगाई आग मृतका के भाई ने बताया आरोपी पुलिस को गुमराह करने के लिए आग लगा दी। लेकिन पड़ोसियों ने किसी तरह से भांजे लतीफ को बचा लिया और बहनोई की करतूत बयां कर दी। आरोपी की प्लानिंग थी कि पत्नी व बेटे की मौत आग के चलते हो गई। मां के कातिल पिता को सजा मिलने के बाद नूर के चेहरे में खुशी झलख रही थी। उसे अफसोस इस बात का है कि जज ने आरोपी पिता को उम्रकैद के बजाय मौत क्यों नहीं दी। नूर ने कहा कि जिस तरह उसने मेरी मां को तड़पा-तड़पा कर मारा, उसी तरह मैं उसे भी मरता हुआ देखना चाहता था।