किया विरोध प्रदर्शन
रामादेवी चैराहे पर लोहिया वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम को लेकर प्रदर्शन किया। सपा नेताओं ने भाजपा पर आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश नगर निगम स्टेडियम से 2016 में कानपुर मेट्रो का शिलान्यास किया था। तब उन्होंने पूर्व मंत्री व उपराष्ट्रपति वैकैया नायडू, पूर्व सांसद मुरली मनोहर जोशी सहित अन्य भाजपा नेताओं को आमंत्रण देकर मंच पर बैठाया था। लेकिन सत्ता के नशे में चूर भाजपा ने अखिलेश यादव समेत किसी भी सपा जनप्रतिनिधि को नहीं बुलाया।
भाजपा नेताओं को बुलाया था
सपा विधायक इरफान सोलंकी ने कहा कि अखिलेश यादव ने इस प्रोजेक्ट की नींव रखी थी। उन्होंने भाजपा के नेताओं को बुलाया था, पर सत्ताधारी दल के नेताओं ने हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष को आमंत्रण पत्र नहीं दिया। इसके अलावा कानपुर से सपा के दो और कांग्रेस का एक विधायक है। भाजपा नेताओं के अलावा जिलप्रशासन ने इनमें से किसी को कार्यक्रम में नहीं बुलाया। उल्टा विरोधी दलों के नेताओं को घरों में कैद कर दिया गया है।
घर में करवा दिया नजरबंद
सपा के पूर्व नगर अध्यक्ष फजल महमूद ने बताया कि अक्टूबर 2016 को बतौर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कानपुर मेट्रो प्रोजेक्ट का शिलान्यास नारियल फोड़कर किया था। इस दौरान पालिका स्टेडियम में केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू और कानपुर के सांसद मनोहर जोशी सहित कई नेता मौजूद रहे थे। पर आज के दिन हमें बुलाना तो दूर घरों पर पुलिस ने नजरबंद कर दिया। येे तानाशाही है और लोकतंत्र में ऐसे कृत्य की कोई जगह नहीं है।
शिलान्यासों का ही शिलान्यास
फजल महमूद ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन ढाई सालों में सिर्फ सपा सरकार के शिलान्यासों का ही शिलान्यास किया है। पूर्व नगर अध्यक्ष ने बताया कि कानपुर की जितनी भी योजनाएं जमीन पर दिख रही हैं, वह अखिलेश सरकार की देन हैं। 2016 में मेट्रो की नींव रखी गई। तीन साल के बाद सिफ आईआईटी से मोतीझील के बीच ही ट्रक बिछेंगे। वह भी विधानसभा चुनाव से कुछ वक्त पहले।