कैमरों के साथ-साथ गाड़ी की स्पीड नापने के लिए सेंसर भी लगा है, जिसके जरिए के जरिए गाड़ी की रफ्तार पता चलते ही उसका वीडियो बन जाएंगे। आरएलवीडी कैमरे फोटो और वीडियो तैयार करेंगे जबकि एसवीडी का कार्य स्पीड नापने का होगा। इसी आधार पर ऑनलाइन जुर्माना बनकर तैयार होगा और कंट्रोल रूम से यूपी 100 की गाडिय़ों को सूचना पहुंच जाएगी कि कौन सी गाड़ी तेज रफ्तार से निकली है और किधर की तरफ जा रही है। पकड़े जाने पर न सिर्फ जुर्माना लगेगा बल्कि सुबूतों के आधार पर मुकदमा भी हो सकता है।
शहर के मार्ग की सीमाओं को सर्विलांस कैमरों से लैस किया जा रहा है। जुलाई तक अलग-अलग स्थानों को मिलाकर 148 कैमरे लगाए जाएंगे जो 360 डिग्री तक घूमने वाले होंगे। स्मार्ट सिटी के तहत लगाए जाने वाले इन कैमरों से लगभग एक किमी तक किसी भी कार और व्यक्ति को बिल्कुल करीब से देखा जा सकेगा। इसके लिए शहर के हर एंट्री व एग्जिट प्वाइंट चिह्नित किए गए हैं। जाहिर है कि अगर किसी भी मार्ग से कोई संदिग्ध वाहन से प्रवेश करता है तो उसकी पहचान की जा सकेगी। खासतौर पर ऐसे सर्विलांस कैमरे आतंकी या आपराधिक वारदात करके निकलने वालों को आसानी से पहचान सकेंगे।
अफीम कोठी चौराहा, बर्रा बाईपास चौराहा, बिठूर तिराहा, ईदगाह चौराहा, फजलगंज चौराहा, गोल मेडिकल चौराहा, गुरुदेव क्रॉसिंग चौराहा, आईआईटी गेट तिराहा, लाल इमली चौराहा, नौबस्ता चौराहा, परेड चौराहा, फूलबाग चौराहा, रामादेवी चौराहा, सचान गेस्ट हाउस चौराहा, टाटमिल चौराहा, यशोदानगर चौराहा व जरीब चौकी। इन चौराहों से गाडिय़ों की स्पीड का भी पता चलेगा और जुर्माना भी तय हो सकेगा।
भैरोघाट तिराहा (खलासी लाइन), फायर सर्विस (फजलगंज) तिराहा, गौशाला प्रथम चौराहा, घंटाघर चौराहा, ग्रीनपार्क चौराहा, हनुमान मंदिर (त्रिमूर्ति मंदिर मोड़) चौराहा, नरौना चौराहा व रॉकेट तिराहा। इन चौराहों से सिर्फ ऑनलाइन चालान हो सकेगा। एसवीडी व आरएलवीडी कैमरों के लिए 27 स्थान चिह्नित किए गए थे जिसमें से 24 फाइनल हैं।