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श्रीमुनि इंटर कॉलेज घोटाला: अनुमान से ज्यादा गहरी निकलीं गोलमाल की परतें

locationकानपुरPublished: Jan 26, 2020 03:28:11 pm

पहली जांच में छह साल तो आगे की जांच में नौ साल से चल रहा था खेलछह लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी, नोटिसें जारी की गईं

श्रीमुनि इंटर कॉलेज घोटाला: अनुमान से ज्यादा गहरी निकलीं गोलमाल की परतें

श्रीमुनि इंटर कॉलेज घोटाला: अनुमान से ज्यादा गहरी निकलीं गोलमाल की परतें

कानपुर। माध्यमिक शिक्षा विभाग में हडक़ंप मचाने वाला श्रीमुनि हिंदू इंटर कॉलेज में वेतन घोटाले की जांच में नई बात सामने आयी है। अभी तक जो मामला छह साल पुराना माना जा रहा था वह अब नौ साल पुराना निकला है। यानि नौ सालों से निजी खातों में मनमाने तरीके से रकम जमा कराई जा रही थी। घोटाले में शामिल आरोपियों समेत कम से कम छह लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की तैयारी है। इसे लेकर अब एक बार फिर एक बाबू और तीन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को नोटिसें जारी कर लिखित जवाब मांगा गया है।
इनके खिलाफ हुई कार्रवाई
अभी तक चली जांच में प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए हरसहाय जगदंबा सहाय इंटर कॉलेज के परिचारक, डीआईओएस कार्यालय के लेखाकार रमाशंकर, महाराणा प्रताप भदवारा के प्रबंधक और श्री राम धाम व्यास उच्चतर माध्यमिक संस्कृत विद्यालय के प्रधानाध्यापक अशोक कुमार द्विवेदी के खिलाफ गंभीर धाराओं में थाना कर्नलगंज में प्राथमिकी दर्ज कराई जा चुकी है। घोटाला और बड़ा होने की संभावनाओं के चलते जांच अभी जारी रहेगी।
२०१४ नहीं २०१० से हो रहा था खेल
बताया जाता है कि जिन तीन कर्मचारियों के वेतन घोटाले के प्रकरण में जांच चल रही है, वह 09 साल पुराना हो सकता है। पहले माना जा रहा था कि वर्ष 2014 से घोटाला हो रहा है लेकिन जांच में और भी गंभीर संकेत मिले हैं। शनिवार को भी दिन भर पड़ताल चलती रही जिसके बाद एक बार फिर तीनों आरोपियों को नोटिसें जारी की गईं। जांच रिपोर्ट पुख्ता हो जाने के बाद ही प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।
भुगतान व्यवस्था बदली गई
वेतन घोटाले से सबक लेकर डीआईओएस सतीश कुमार तिवारी ने जनवरी 2020 से वेतन पारण एवं भुगतान की व्यवस्था में परिवर्तन कर दिया है। नई व्यवस्था में वेतन संशोधन अनिवार्य रूप से प्रबंधक तथा प्रधानाचार्य के संयुक्त हस्ताक्षर से प्रेषित होगा। वेतन बिल सॉफ्टवेयर से संशोधनानुसार प्रिंट किया जाएगा, जिसे विद्यालय के वेतन सहायक भली भांति जांच कर लेंगे। इसके बाद हर पेज पर वेतन पटल सहायक की मोहर और हस्ताक्षर कराए जाएंगे। बिल केवल वेतन सहायक ही प्राप्त कराएंगे।
संशोधन की तिथि बदली गई
नए नियम के मुताबिक अब सभी वेतन संशोधन अब केवल 18 तारीख तक होंगे। वेतन बिल की एक छाया प्रति कराई जाएगी। इसे वेतन पंजिका में चस्पा किया जाएगा। इस पर प्रबंधक और प्रधानाचार्य दोनों के हस्ताक्षर होंगे। वेतन बिल के हर पेज पर प्रबंधक और प्रधानाचार्य के हस्ताक्षर होंगे। जीपीएफ की चार-चार प्रतियां होंगी जिसमें प्रबंधक और प्रधानाचार्य के हस्ताक्षर होंगे। वित्त एवं लेखाधिकारी डीआईओएस के स्तर से वेतन बिल परीक्षण के बाद ही अनुदान बिल अग्रिम कार्यवाही के लिए दिया जाएगा। वेतन अनुदान बिल पर भी प्रधानाचार्य के हस्ताक्षर होंगे।
मांगा गया विवरण
जिला विद्यालय निरीक्षक ने सभी अनुदानित विद्यालयों के प्रधानाचार्यों और प्रबंधकों को पत्र भेजकर कहा है कि वे शिक्षकों व शिक्षेत्तर कर्मचारियों की वर्ष 2018-19 और 2019-20 की बैंक पासबुक की फोटो कॉपी, पासबुक उपलब्ध न होने पर बैंक स्टेटमेंट उपलब्ध कराएं। सभी शिक्षक व कर्मचारियों की मूल सेवा पंजिका, पिछले एक वर्ष का वेतन बिल रजिस्टर, अनुदान स्वीकृत आदेश की प्रति, ट्रेजरी बुक, नियुक्ति पत्र व स्थानांतरण आदेश की प्रति, पद सृजन आदेश की प्रति, विषय के साथ देना होगी।
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